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एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

लगता है डॉक्टरों को सरकारी तनख्वाह कम पड़ने लगी है। यही वजह है कि सरकारी डॉक्टर शहर में जगह-जगह क्लीनिक खोल रहे है। कुछ नियम का पालन कर रहे मगर कुछ शासन प्रशासन को ठेंगा दिखाकर अपनी ही मनमानी कर रहे हैं। ऐसा ही कारनामा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमडी मेडिसीन डॉक्टर चेतन साहू का उजागर हुआ है। डॉक्टर साहब ने क्लीनिक लाइसेंस के लिए स्वास्थ विभाग में आवेदन दे रखा है और क्लीनिक के साथ अस्पताल की शुरुआत कर दी है। ओपीडी के अलावा डॉ. चेतन के क्लीनिक में आईपीडी का संचालन अवैध तरह से और धड़ल्ले से किया जा रहा है।
ये अलग बात है कि अभी तक डॉक्टर साहब को क्लीनिक का लाइसेंस भी नहीं मिला है। नियम यह कहता है कि क्लीनिक या फिर अस्पताल लाइसेंस के लिए आवेदन करने के पश्चात् जब तक लाइसेंस नहीं आया है, उस दरमियान तीन महीने के लिए संस्था का संचालन किया जा सकता है। इससे ज्यादा समय बिना लाइसेंस के क्लिनिक या अस्पताल का संचालन न्याय संगत नहीं है। लेकिन यहां तो अस्पताल के लिए आवेदन दिया ही नहीं गया और आईपीडी संचालित की जा रही है। जो अपने आप में ही गंभीर मसला है।

पड़ताल में सच आया सामने, वीडियो और फोटो मिले
मौखिक सूचना के आधार पर हमने सृष्टि कालोनी में संचालित डॉ. चेतन साहू क्लीनिक का दौरा किया। पड़ताल के दौरान हमने देखा कि बिल्डिंग के दूसरे मंजिल में मरीजों को भर्ती करने के लिए पांच से अधिक संख्या में बेड लगाया गया है। यह बेड भी कोई स्पेशल मेडिकल बेड नहीं था। लड़की से बने चारपाई में मरीजों को लेटाया गया था। हमारी पड़ताल के दौरान एक मरीज भर्ती भी था। हमने सबूत के तौर पर आईपीडी सेक्शन का वीडियो और फोटो मोबाइल में कैद कर लिया।

साफ मुकर गए डॉ साहू
पक्ष जानने के लिए जब हमने डॉ. चेतन साहू से फोन पर बात की तो वे इस मामले से साफ मुकर गए और कहा कि कहा कि उनके पास क्लीनिक और अस्पताल दोनों का लाइसेंस उपलब्ध है। फिर हमने सीएमएचओ डॉ. एके बंसोड़ से बात की। उन्होंने जानकारी दी की। डॉ. साहू ने क्लीनिक और पैथोलॉजी के लिए आवेदन किया है, अभी विभागीय टीम का निरीक्षण बाकी है, इसके बाद लाइसेंस जारी किया जाएगा। यदि क्लीनिक के साथ अस्पताल संचालन किया जा रहा है तो यह गंभीर मसला है, इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। दूसरी बार बात करने पर सीएमएचओ फोन पर डॉ. साहू से बात की और उन्हें हड़काया। लेकिन इतना काफी नहीं है। नियम के मुताबिक अवैध रूप से अस्पताल संचालन पाए जाने पर संस्था को सील किया जा सकता है। लेकिन सीएमएचओ शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई करने से बच रहे है, ऐसे में मिलीभगत की आशंका तेज हो गई है।
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कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर-एक्स रिपोर्टर न्यूज वेबसाइट, ब्यूरोचीफ-दैनिक सत्यदूत संदेश, मीडिया प्रभारी- जिला पत्रकार महासंघ, राजनांदगांव, विशेष सदस्य-प्रेस क्लब राजनांदगांव।
मो. 9752886730

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