राजनांदगांव। शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्रायवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए केन्द्र व सरकार के द्वारा प्रायवेट स्कूलों को शिक्षण शुल्क दिया जाता है, जिसे प्रतिपूर्ति राशि भी कहा जाता है। जिमसे व्यापक स्तर पर गड़बड़ीयां की शिकायते मिल रही है। विधान सभा में शिक्षा मंत्री ने भी इस पर चिंता जताई है और कार्यवाही करने की बात कही गई है, लेकिन जमीनी स्तर के अधिकारी अपने चेहते अधिकारीयों और बाबूओं को बचाने में लगे हुए है। चौहत्तर लाख की गड़बड़ी पर रायपुर जिले के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर. चन्द्राकर पर कोई कार्यवाही नही हो पायी क्योंकि वे सेवानिवृत हो चूके है। वंही कांकेर और जांजगीर चांपा के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारीयों और बाबूओं को गिरिफ्तार कर जेल भेजा जा चूका है।
वैसे ही तीन प्रायवेट स्कूलों की जांच रिपोर्ट अब अविभाजित जिल राजनांदगांव की भी आ चूकी है और जांच रिपोर्ट में यह प्रमाणित हो चूका है कि रविन्द्रनाथ टेगोर, नर्मदाखैरा , जो वर्ष 2020-21 में बंद था लेकिन इस स्कूल को चालू बताकर स्कूल के खाते में लाखों की राशि स्वीकृत कर, सत्यापित कर हस्तांतरित कराया गया तो वहीं रविन्द्रनाथ टेगोर स्कूल, उदयपूर में बच्चों की वास्तविक संख्या से अधिक राशि स्वीकृत कर सत्यापित कर स्कूल के खाते में हस्तांतरित कराया गया, तो मोहला के गौतम टेकनो स्कूलों को पहले मान्यता नवनीकरण देने से इंकार कर दिया क्योंकि नोडल प्राचार्य ने जांच रिपोर्ट में बताया था कि स्कूल आरटीई के मान व मानको को पूर्ण नही कर रहा है, लेकिन तत्कालीन डीईओ ने जांच अधिकारी के जांच रिपोर्ट और आरटीई कानून के प्रावधानों और उच्च अधिकारीयों के स्थायी आदेश को बाईपास कर इस सुविधाहीन स्कूल को मान्यता नवीकरण दिया गया और इस सुविधाहीन स्कूल मंे आरटीई के अंतर्गत बच्चों को प्रवेश दिलाया गया और फिर आरटीई की लाखों रूपए की राशि स्वीकृत कर, सत्यापित कर इस स्कूल के खाते में हस्तांतरित कराया गया।
दुसरे जिलों में जिला शिक्षा अधिकारीयों और बाबूओ के विरूद्ध पुलिस में अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेजा जा चूका है, लेकिन राजनांदगांव जिले में जांच रिपोर्ट आने के पश्चात् भी अब दोषी अधिकारीयों व बाबूओं के विरूद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज नही कराया जा रहा है जिसको लेकर अब छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने डीजीपी और प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा को पत्र लिखकर दोषीयों पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि राजनांदगांव शिक्षा विभाग के दोषीयों पर भी आईपीसी की धारा 409, 467, 468, 471, 120 बी के तहत दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए जैसे दुसरे जिले में हुआ है।
