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Raipur: छत्तीसगढ़ में इस साल 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं लेकिन इसमे बीजेपी के लिए कड़ा मुकाबला है क्योंकि वहां पहले से ही कांग्रेस की सरकार है। वह अपनी रणनीतियों से जनता को अपनी ओर बांधे हुए है।

भारत के लिए साल 2023 बेहद ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल 9 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस साल के शुरुआत में 4 राज्यों में चुनाव है। जबकि साल के आखिरी में पांच राज्यों में चुनाव है। दक्षिण भारत के कर्नाटक और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होंगे। तो पूर्वोत्तर के मेघालय, त्रिपुरा नागालैंड और मिजोरम में चुनाव होने हैं। जबकि हिंदी भाषा के 3 बड़े राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

छत्तीसगढ़ में कमजोर नजर आ रही है बीजेपी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए कड़ा मुकाबला होगा। वर्तमान में वहां कांग्रेस की सरकार है और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं जो कि लोगों को अपनी और बांधे हुए हैं। छत्तीसगढ़ में बीजेपी के लिए अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे को सामने रखना मुश्किल हो गया है। छत्तीसगढ़ में पार्टी सबसे कमजोर नजर आ रही है। राज्य में डेढ़ दशक तक बीजेपी की सरकार रही, लेकिन पिछले चुनाव में पार्टी का पूरी तरह से सफाया हो गया। तमाम रणनीतियों पर काम कर रही है बीजेपी छत्तीसगढ़ के विधानसभा के चुनाव में बीजेपी सत्ता में वापसी के लिए तमाम रणनीति बना रही है। जहां संगठन में बड़े बदलाव किए गए हैं, वहीं जमीनी स्तर पर भी व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान पर भी नजर है। कभी बीजेपी की पहचान रही छत्तीसगढ़ में बीजेपी सत्ताधारी कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने में नाकाम रही है। छत्तीसगढ़ की विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो गई है।

कांग्रेस अनेक योजनाओं से राज्य में जनता को दे रही है लाभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर वर्ग के लिए न केवल योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं, बल्कि उन्हें लागू भी कर रहे हैं। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद कृषि ऋण माफी की घोषणा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अभियान चलाकर और अब चुनावी साल में बेरोजगारी भत्ता देने का आश्वासन देकर अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।राज्य में भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रतिनिधित्व के साथ आने की है।

बीते डेढ़ दशक से राज्य में भाजपा की सरकार डॉक्टर रमन सिंह के नेतृत्व में है, लेकिन अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। बीजेपी किसी आदिवासी को सीएम बनाएगी या गैर आदिवासी को ये साफ नहीं है। दूसरी ओर कांग्रेस भूपेश बघेल के माध्यम से पिछड़ा वर्ग का कार्ड खेल चुकी है और अनुसूचित जनजाति को भी लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के लिए सत्ता की राह आसान नहीं है क्योंकि संगठन इतना मजबूत नहीं है कि कांग्रेस और भूपेश बघेल सरकार को चुनौती दे सके।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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