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राजनांदगांव। शिक्षा विभाग के हर सामान की खरीदी में कमीशनखोरी हो रही है जिस भी जिला शिक्षा अधिकारी ने पदभार ग्रहण किया, उस ने जमकर धांधली कर पैसे कमाने में कोई कमी नही किया। विगत दो वर्षो में फर्नीचर घोटाला, खेल गढिय़ा घोटाला, दो बार बर्तन घोटाला और पदोन्नति घोटाले ने तो पूरे विभाग को कड़घरे में खड़ा कर दिया। क्योंकि स्वयं मुख्यमंत्री भेट-मुलाकात दौरे के दौरान डोंगरगढ़ रेस्ट हॉउस में पदोन्नति में हुए धांधली की जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने जवाब दे दिया कि नियमानुसार पदोन्नति किया गया है और कोई जांच नही कराया गया।
हैरत की बात यह है कि जब अखबारों में इस धांधली की समाचार प्रकाशित होने लगी तो जिला शिक्षा अधिकारी ने स्वयं 10 से अधिक पदोन्नति पदांकन आदेश इसलिए निरस्त कर दिया गया क्योंकि उन्होने अपात्र लोगों को नियम विपरीत पदोन्नति का लाभ दे दिया था।
ट्रांसफर पदोन्नति के बाद अब खरीदी में भी हाथ अजमाने के चक्कर में डीईओ ने जो खेल सामग्री खरीदी करने आबंटन सभी विकासखण्ड अधिकारीयों को दिया था उसे वापस देने हेतु पत्र जारी कर दिया गया यानि अब सभी खरीदी डीईओ स्वयं करेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विकासखण्ड अधिकारीयों को एक-एक लाख रूपया स्थायी खेल सामग्री खरीदी करने आबंटन दिया गया था, जिसे मंगलवार को वापस लिये जाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी ने पत्र जारी किया तो हड़कंप मच गया क्योंकि रायपुर से सप्लायरों ने डीईओ कार्यालय में डेरा डाल दिया था और कमीशन के चक्कर में अब स्थायी खेल सामग्री की खरीदी डीईओ स्वयं करेंगे।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन क्रिष्टोफर पॉल ने बुधवार को प्रभारी कलेक्टर जिला पंचायल सीईओ को पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने की मांग की गई है।
श्री पॉल का कहना है कि पदोन्नति घोटाले की उच्चस्तरीय जांच होना था क्योंकि मुख्यमंत्री ने स्वयं जांच कर कार्यावाही करने निर्देश दिए थे, लेकिन कोई उच्चस्तरीच विस्तृत जांच किए बिना जानकारी दे दिया गया कि पदोन्नति में कोई धांधली नही हुआ है, जो न्यायसंगत और तर्कसंगत नही है और अब खरीदी में भी डीईओ की भूमिका संदिग्ध हो गई है।

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