राजनांदगांव। मंत्री मोहम्मद अकबर की बैठक के बाद से रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा न्यास मद से खरीदी गई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का मामला तुल पकड़ने लगा है। मामले में रोज नए खुलासे हो रहे है। इस मामले को लेकर जब स्वास्थ विभाग के आला अफसरों से चर्चा की गई तो चौकाने वाली बात सामने आई। स्वास्थ विभाग के अफसरों की माने तो विभाग के पास पहले से ही पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद है। कोरोना काल में भी कोई दिक्कत नहीं थी, विभाग की ओर से सप्लाई के लिए जिला प्रशासन से कोई डिमांड किया ही नहीं गया था, फिर भी राजगामी की ओर से पांच दिन पहले ही 20 नग कंसंट्रेटर की सप्लाई की गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि राजगामी को कंसंट्रेटर खरीदने की क्या पड़ी थी? यदि कोरोना काल के समय खरीदी की भी गई थी तो हैंडओवर अभी क्यों किया गया? मामला गंभीर है, सहीं तरह से जांच हुई तो महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हो सकता है।
बता दें कि रानी सूर्यमुखी देवी राजगामी संपदा न्यास समिति में कोरोना काल में नियमों के विपरित 13 लाख 44 हजार रुपए के 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन की खरीदी कर ली गई। इस मशीन का कोई इस्तेमाल ही नहीं हुआ। इन मशीनों की खरीदी तत्कालीन प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर के मौखिक आदेश और सहमति बताकर की गई थी। मंत्री को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने अध्यक्ष को छोड़कर समिति के अन्य सदस्यों के साथ अफसरों की बैठक बुलाई। बैठक में मंत्री ने अध्यक्ष की ओर से की गई घोषणाओं को रद्द करने के निर्देश दिए हैं और व्यय का हिसाब मांगा है।
200 से अधिक संख्या में है कंसंट्रेटर
इधर सीएमएचओ डॉ. एके बंसोड़ ने बताया कि स्वास्थ विभाग के पास 200 से अधिक संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद है। जरुरत के हिसाब से स्वास्थ केंद्रों में सप्लाई भी कर दी गई है। सीएचसी और पीएचसी में कंसंस्ट्रेट रखे हुए है, जिससे इमरजेंसी ट्रीटमेंट में सहूलियत होगी।
वाइडनर स्कूल का मामला अभी भी गरम
गौरतलब है कि राजगामी संपदा की पांच एकड़ की भूमि को गैर कानूनी ढंग से वाइडनर स्कूल द्वारा हस्तांतरित कर स्वयं की संपत्ति बता कर अनुचित लाभ लिया जा रहा है जिसकी लिखित शिकायत पांच वर्ष से हो रही है, लेकिन आज तक जांच प्रक्रियाधीन है। हैरत की बात यह कि इस स्कूल ने राजगामी संपत्ति को स्वयं की संपत्ति बताकर वर्ष 2018-19 में मान्यता नवनीकरण भी करा लिया है।
