राजनांदगांव।* ड्रग विभाग के अधिकारियों की कृपा से इनदिनों जिले में बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर के संचालन का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। गांव-कस्बा तो दूर की बात है, जिला मुख्यालय में बिना फार्मेसी लाइसेंस के मेडिकल स्टोर का संचालन धडल्ले से किया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब शिकायत के बाद भी ड्रग इंस्पेक्टर ने मेडिकल स्टोर संचालक पर कार्रवाई करने के बजाय उल्टा स्टोर खोले रखने की मौखिक अनुमति दे दी। बात साफ है, ड्रग विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही जिले में बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर का संचालन किया जा रहा है।
मामला शहर के बलदेवबाग इलाके में संचालित न्यू सिटी मेडिकल स्टोर का है। इस मेडिकल स्टोर के संचालक ने अपने यहां काम करने वाली युवती के फार्मेसी डिग्री के आधार पर फार्मेसी लाइसेंस बनवा रखा था। बीते जुलाई महीने में युवती ने काम छोड़ने के साथ ही ड्रग विभाग में आवेदन कर अपना प्रमाण पत्र वापस ले लिया। ऐसे में ड्रग विभाग के अफसरों को चाहिए था कि वे उक्त मेडिकल स्टोर संचालक को नोटिस भेजकर लाइसेंस अपडेट कराने को कहे। लेकिन अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया, साठगांठ कर संचालक को मेडिकल स्टोर संचालन की मौन सहमति दे दी।
*मीडिया को खबर लगते ही हड़बड़ा गए अधिकारी*
जब बिना फार्मेसी लाइसेंस के मेडिकल स्टोर के संचालन की जानकारी मीडिया को मिली तो मीडिया कर्मियों ने ड्रग इंस्पेक्टर से सवाल किया, पहले तो ड्रग इंस्पेक्टर हड़बड़ा गए और ऐसी किसी जानकारी का न होना और नियमित निरीक्षण करने का खोखला दावा करने लगे। और इस बात की झूठी तसल्ली दे डाली कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई कर मेडिकल स्टोर का शटर डाउन करा दिया गया है।
*कार्रवाई का दावा खोखला, हकीकत कुछ और*
जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं हुआ था, मेडिकल स्टोर का संचालन पहले के ही तरह बेधड़क तरीके से किया जा रहा है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब मीडियाकर्मी ने वहां से गुजरते वक्त मेडिकल स्टोर को चालू देखा। ड्रग विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं करता देख सीएमएचओ को मामले की जानकारी दी गई। लेकिन उन्हें मेडिकल बंद होने के दावे के साथ फर्जी फोटो भेज दिया गया। ऐसे में सीएमएचओ ने कार्रवाई में रुचि नहीं दिखाई।
*प्रमाण के लिए टाइम और डेट के साथ खींची फोटो*
ऐसे में हकीकत सामने लाने के लिए 12 नवंबर 2022 को मीडिया कर्मी दोबारा मेडिकल स्टोर का निरीक्षण करने पहुंचे। मौके पर जाकर पाया कि शटर खोलकर मेडिकल स्टोर का संचालन किया जा रहा था। प्रमाण के तौर पर टाइम और डेट के साथ मेडिकल स्टोर की फोटो खींची गई। अब देखना यह है कि मामले में स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी क्या कार्रवाई करते है? या फिर पहले की तरह मामले को दबा दिया जाएगा।
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*कर्णकांत श्रीवास्तव*
(B.J.M.C.)
*सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर, एक्स रिपोर्टर न्यूज वेबसाइट एवं मीडिया प्रभारी, जिला पत्रकार महासंघ, राजनांदगांव।*
मो. 9752886730
