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भिलाई 12 अगस्त 2022। श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई एवं विरोहन के बीच एमओयू (Memorandum of understanding) साइन किया गया। श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई कुलसचिव श्री पी. के. मिश्रा एवं विरोहन प्राइवेट लिमिटेड फरीदाबाद हरियाणा के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अर्चित जायसवाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कुलपति प्रो. डॉ. एल एस. निगम ने कहा कि उक्त एमओयू का उद्देश्य (एमएचए) मास्टर ऑफ़ हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अकादमिक वातावरण एवं रोजगार के अवसर अधारित पाठ्यक्रम का संचालन करना है। इस अवसर पर (एमएचए) मास्टर ऑफ़ हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के विषय में कहा कि वर्तमान स्थितियों को देखते हुए हेल्थकेयर सेक्टर में करियर विकल्पों को तलाशना ना सिर्फ भविष्य के लिए लाभदायी है, बल्कि सार्थकता का अनुभव देने वाला करियर विकल्प भी है।

उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट अवसरों से भरपूर क्षेत्र है। (एमएचए) मास्टर ऑफ़ हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का करियर हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन या हेल्थकेयर मैनेजमेंट के नाम से भी जाना जाता है। मैनेजमेंट के कोर्सेज में यह तुलनात्मक रूप से नया क्षेत्र है। इन दिनों महामारी के संदर्भ में वर्तमान हेल्थकेयर सेक्टर की जरूरतें इस करियर विकल्प के महत्व को समझाने के लिए काफी हैं। हेल्थ केयर से संबंधित अध्ययन और शोधों का मानना है कि आने वाले समय में ऐसी समस्याओं के लिए हमें बेहतर तरीके से तैयार होना होगा। स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना एक अहम काम है और उन्हें वक्त के साथ सुनियोजित ढंग से उन्नत और आधुनिक बनाते जाना भी जरूरी है। इन सभी कामों के लिए हेल्थकेयर मैनेजर्स की आवश्यकता पड़ती है। हेल्थ केयर एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट हॉस्पिटल मैनेजमेंट के अंतर्गत ही आता है। अस्पताल प्रबंधक अस्पताल से संबंधित सभी व्यवस्थाओं पर पैनी नजर बनाए रखता है, ताकि संसाधनों का समुचित और बेहतर इस्तेमाल हो व इलाज के लिए आने वालों को सेवा प्रदान करने का कुशल तंत्र विकसित हो। इनके अंतर्गत अस्पताल से अच्छे से अच्छे डॉक्टरों को जोड़ना, नए-नए उपकरणों और तकनीक की व्यवस्था करना आदि सब आता है।
प्रो. निगम ने कहा कि यहां तक कि हॉस्पिटल में कोई हादसा होता है तो उसकी जवाबदेही का जिम्मा भी इन्हीं प्रोफेशनल्स का होता है। अस्पताल की वित्तीय व्यवस्था, कर्मचारियों की सुविधा आदि कार्य भी उन्हें करने होते हैं। एक संस्थान द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि आने वाले समय में 10 लाख से कहीं ज्यादा हॉस्पिटल मैनेजर्स की आवश्यकता होगी। कुलपति जी ने बताया कि हॉस्पिटल प्रबंधन में मास्टर्स (एमएचए) करने के लिए विज्ञान विषय में स्नातक डिग्री के पश्चात प्रवेश लिया जा सकता है, जो चार छमाही में बंटा होता है।
इस अवसर पर कुलसचिव पी के मिश्रा ने कहा कि (एमएचए) मास्टर ऑफ़ हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में करियर उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प साबित होता है, जो साइंस एवं मेडिकल फील्ड से होते हैं और उपयुक्त योग्यता के साथ प्रशासनिक योग्यता रखते हैं। इस इंडस्ट्री में खुद को सफल तरीके से स्थापित करने के लिए डिप्लोमा या क्रैश कोर्स पर्याप्त नहीं है। देश में अभी बहुत से हॉस्पिटल्स की जरूरत बनी हुई है, जिस वजह से आने वाले कई सालों तक इस क्षेत्र में नौकरी की अपार संभावनाएं हैं। आने वाले वर्षों में सरकारी व निजी सेक्टर में इस प्रोफेशन के जानकारों की काफी डिमांड होगी। इस अवसर पर रश्मि झा विरोहन हेड पार्टनरशिप, प्राइवेट लिमिटेड, श्री शंकराचार्य फैकल्टी ऑफ़ फार्माटिकल्स के प्राचार्य डॉ. ए. के. झा, डॉ. स्वर्नाली दास पॉल, प्राचार्य, श्री शंकराचार्य कालेज ऑफ़ फार्मासिटीकल साइंस, श्री शंकराचार्य मेडिकल साइंसेस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस.के. खैरुन इनाम एवं श्रीमती सिन्धु मेनन एवं श्री विनय पीताम्बरन उपकुलसचिव, श्री शंकराचार्य प्रोफेशन यूनिवर्सिटी भिलाई की उपस्थिति रहीं।

By Amitesh Sonkar

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