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कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर कवर्धा में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए

कैबिनेट मंत्री अकबर ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी

कवर्धा। राज्य सरकार के वन, परिवहन, आवास, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री व कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर आज कवर्धा के वीर सावरकर भवन में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। श्री अकबर एवं उनके साथ आए सभी अतिथियों ने समाज के पोषाक धोती धारण कर इस आयोजन में शामिल हुए। कार्यक्रम में कवर्धा नगर पालिका अध्यक्ष  ऋषि कुमार शर्मा, क्रेडा सदस्य कन्हैया अग्रवाल, लालजी चन्द्रवंशी सहित अन्य जनप्रनिधि भी शामिल हुए।
आदिवासी समाज के प्रतिनिधि एवं समाज प्रमुखों ने श्री अकबर को पुष्पगुच्छ एवं माला पहनाकर आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। श्री अकबर ने कार्यक्रम को संबांधित करते हुए विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होने अपने संबोधन में विश्व आदिवासी दिवस के प्रांरभिक चरण से लेकर इस पूरे आयोजन की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के आयोजन के मुल उद्ेश्यों के साथ-साथ पर्यावरण के सरंक्षण और संवर्धन में भी विशेष विचार विमर्श किया जाता है। उन्होने कहा कि मानव जीवन के उत्पत्ति से लेकर अब तक पर्यावरण के सरंक्षण और उनके बचाव तथा संवर्धन में आदिवासी भाईयों को विशेष योगादान रहा है। आदिवासी मूल निवासी होने के साथ-’साथ सदैव उनका प्रकृति प्रेम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आदिवासी समाज की संस्कृति, उनके भाषा, बोली, रीति-रिवाजों को सहेजने का काम किया जा रहा है। उन्होने बताया कि नवा रायपुर में लगभग 25 एकड़ जमीन पर आदिवासी की कला-संस्कृति और उनके गौरवशाली इतिहास को संजोने के ध्येय से संग्रालय का निर्माण किया जा रहा है। इससे हमारी आने वाली पीढ़ियों को मूल निवास तथा आदिवासी की कला, संस्कृति, रीति रिवाज और उनके भोली-भाखा को जानने ओर समझने का अवसर प्रदान होगा। श्री अकबर ने समाज प्रमुखों को विश्वास और भरोसा दिलाते हुए कहा कि वे एक विधायक व राज्य के मंत्री होने के नाते उन्हे समाज हित और समाज के कल्याण के क्षेत्र में जो भी समस्या और मांगों को संज्ञान में लाया जाएगा उन्हे सदैव पूरा करने का पूरी ईमानदारी से प्रयास करते रहेंगे। उन्होने कहा कि राज्य निर्माण से पहले छत्तीसगढ़ को गोड़वाना के नाम से जाना जाता था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत आबादी आदिवासी भाइयों की है।
इससे पूर्व आयाजन के मुख्यअतिथि गुरूमाता दुर्गे दुलेश्वरी सिदार ने अपने विश्व आदिवासी समाज के गौरव शाली इतिहास की पूरी जानकारी विस्तार से दी।

इस अवसर पर गोडी धर्म संस्कृति सरंक्षण समिति अध्यक्ष  हीरा सिंह धुर्वे, शत्रुधन दैछेहया, मोहन सिंह, धु्रर्वे, दयावंत धुर्वे, रमेश मरकाम, सोनाउ धुर्वे, चंदन मरकाम, फागूराम नेता, प्रकाश नेताम, अनुप मरकाम, मनोज मंडावी, छाया मरकाम, युवा प्रभाग रूप मेरावी, संतोष छैदहा, जयसिंह मेरावी आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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