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गोधन न्याय योजना बना सहारा : गोबर बेचकर ग्रामीण महिला ने कमाए 1 लाख 26 हजार से अधिक की आमदनी

बच्चों की पढ़ाई, आभूषणों का शौक, घर की जरूरतो के साथ बकरी पालन व्यवसाय को आगे बढ़ाने का माध्यम बना गोधन न्याय योजना

कवर्धा। पति के साथ चरवाहे का काम करने और मवेशियों का गोबर इक्ठ्ठा करने वाली बंशी बाई यादव को कभी यह अंदाजा नही था कि उनके जीवन उत्थान के लिए कोई सरकार योजना बनाएगी। उन्हे यही लगता था कि मवेशियों के चरवाहे के रूप में काम करना हम लोगों का परम्परागत व्यवसाय है और कभी वह जीवन में आगे नहीं बढ़ पाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई गौधन न्याय योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी। जब से इस योजना के तहत गोबर को दो रूपए में खरीदी का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फैसला किया है, तब से लेकर अब तक उनके जीवन में तरक्की का सफरनामा जुड़ गया है। गोबर बेचकर बंशी बाई की की अब सभी सपने पूरे होने लगे है और वह लखपति भी बन गई है। अब तक उन्होने 1 लाख 26 हजार रूपए का गोबर बेचकर अपने परिवार  की स्थिति को अच्छा बना ली है। उनके साथ उनका पति बिरझू राम यादव भी पूरा मदद करता है।  गोबर बेचकर ही उन्होने अपने लिए चांदी का पायल भी खरीदी की है। और बच्चों की पढ़ाई, आभूषणों का शौक, घर की जरूरतो के साथ बकरी पालन व्यवसाय को आगे बढ़ाने का माध्यम बना गोधन न्याय योजना इसके लिए मददगार साबित हो रहा है।
कबीरधाम जिले के जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत गोछिया निवासी बंशी यादव पति बिरझू राम यादव की यहा बात हो रही है। बंशी यादव अपने पति बिरझू यादव के साथ गोधन न्याय योजना से जुड़कर अच्छा लाभ कमा रही है। गांव के गौठन में ही गोबर बेचकर आमदनी अर्जित कर रही है। मूल रूप से इनका चरवाहे का कार्य है जो गांव में पशुधन को लेकर सुबह से शाम घूमते हैं। पशुधन को चराने के काम में ही इनकी आर्थिक तरक्की छुपी थी जिसे गोधन न्याय योजना ने पूरा कर दिया।

गोधन न्याय योजना बना मेरे परिवार का सहारा : बंशी यादव

गोधन न्याय योजना से मिला लाभ हितग्राही बंशी यादव के चेहरे में साफ झलकता है, अपनी मुस्कान बिखेरते हुए बंशी बताती है कि सरकार की इसपर योजना से हमारे सपने अब पूरे होने लगे हैं दो साल में ही हमें इतना लाभ हुआ कि मैं अपने लिए चांदी का लच्छा, घर का सामान और अपनी पारिवारिक जरूरतों को पूरा कर रही हूं। हमारे घर की आर्थिक स्थिति में पहले से बहुत सुधार हुआ है इसके लिए हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बहुत -बहुत धन्यवाद है कि उन्होंने गोधन न्याय योजना चालू कर गोबर के विक्रय से हम जैसे गरीबों का बहुत भला किया है। अब हमारा आवक बढ़ गया है इसके कारण हमारे परिवार का लालन पालन अच्छे से हो रहा है। अब मैं अपने तीनो बच्चों को बेहतर जीवन दे सकूंगी क्योंकि सरकार की योजना से हमें लगातार लाभ मिल रहा है। हितग्राही बंशी यादव के पति बिरझू यादव बताते हैं कि हमने कभी सोचा भी ना था की गोबर बेचने से इतना फायदा होगा जिससे बच्चों के पढ़ाई लिखाई का कार्य, पत्नी के लिए 25 हजार रुपए का जेवर, घर का खर्च और दैनिक जरूरतें की पूर्ति अब आसानी से होने लगा है जो पहले बहुत मुश्किल से हुआ करता था। हमको घर के पास गौठान में गोबर बेचकर  पिछले दो साल में सवा लाख रुपए से अधिक की आमदनी हुआ है। अपने काम को बढ़ाने के लिए गोधन योजना से मिले पैसे से मैंने बकरियां खरीदी है। मेरे छोटे से व्यवसाय को खड़ा करने में गोधन योजना मददगार सिद्ध हुआ है अब मैं पहले से कहीं ज्यादा आत्मनिर्भर हो गया हूं।
ग्राम गौठान प्रबंधन समिति एव ग्राम पंचायत गोछिया के सचिव चंद्रशेखर चंद्रवंशी बताते हैं कि गांव की आबादी 2447 है। बहुत से लोग गोबर बेचते हैं उनमें से एक है हितग्राही बंशी यादव का परिवार जो गोधन न्याय योजना में प्रारंभ से गोबर का विक्रय कर रहे हैं। इनका परिवार गरीबी रेखा के नीचे आता है तथा इनका मुख्य कार्य गांव के पशुधन को चराना है। अभी तक इनके द्वारा ग्राम गौठान प्रबंधन समिति को 63219 किलोग्राम गोबर बेचा गया है जिसके एवज में इनके परिवार को 1 लाख 26 हजार  से अधिक की राशि शासन द्वारा इनके इलाहाबाद बैंक शाखा कवर्धा के खाते में सीधे अंतरित किया गया है।  चंद्रशेखर चंद्रवंशी ने आगे बताया कि ग्राम पंचायत गोछिया में दो गौठान संचालित है तथा हितग्राही बंशी यादव का परिवार अपने गांव के गौठान में गोबर बेचकर योजना का लाभ ले रहा है।

नई उम्मीद और रोशनी का नाम है गोधन न्याय योजना : सीईओ जिला पंचायत

ग्रामीणों को गोधन न्याय योजना से हो रहे लाभ पर चर्चा करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम संदीप कुमार अग्रवाल बताते हैं कि जिले के सभी ग्रामीण अंचलों में 20 जुलाई 2020 से योजना का संचालन सफलतापूर्वक हो रहा है। पंजीकृत हितग्राही प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। हितग्राही बंशी यादव के संबंध में संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस महिला का परिवार योजना प्रारंभ से ही गोबर का विक्रय करते हुए आर्थिक रूप से लाभान्वित हुआ है जो महज दो साल में 1 लाख  26 हजार रुपए से अधिक की आमदनी इस परिवार को हुई है जबकि इसके पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। इस परिवार के लिए गोधन न्याय योजना एक नई उम्मीद और रोशनी बनकर जीवन में आया है जो इनकी परिवारिक जरूरतों को पूरा करते हुए आर्थिक संबल प्रदान कर रहा है।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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