डूबी रकम मिलने की जगी आस: डूबी रकम पाने झोला भर- भरकर ला रहे आवेदन, लोग बोले भूलकर भी दोबारा चिटफंड कंपनी में जमा नहीं करेंगे पैसा
5 लाख निवशकों का 12 हजार करोड़ रुपए कंपनी में डूबा, भटक रहे लोग
धक्का खाने के लिए छोड़ गए एजेंट, लाइन लगने के बाद भी दिनभर में जमा नहीं हो रहे आवेदन
चिटफंड कंपनियो ने बंद कर दिया कार्यालय फोन तक नहीं उठाते एजेंट
पैसे लेने थे तो रोज- घर आते थे एजेंट
पहचान छिपाने रात में भी हेलमेट पहनकर करते है आना जाना एजेंट
बेमेतरा 7 अगस्त :- राज्य शासन के हस्तक्षेप के बाद चिटफंड कंपनियों से धोखाधड़ी के शिकार हुए निवशकों की जानकारी जुटाने जिला प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दिया है। कलेक्टर कार्यालय में प्रोफार्मा भरकर निवशकों से आवेदन लिया जा रहा है। इसके लिए 2 अगस्त से 6 अगस्त तक लोगों से आवेदन लेने तिथि निर्धारित की गई थी। जिसे बढ़ा दिया गया है।
2 अगस्त से लेकर अब तक करीब 6 हजार आवेदन जमा हो चुके है। डूबी रकम को पाने के लिए आवेदन जमा करने लोगों की रोज भीड़ लग रही है। जहां लंबी कतार में खड़े होकर निवेशक घंटो समय तक आवेदन जमा कर रहे है। चिटफंड में डूबी रकम पाने के लिए लोग झोला में भर- भरकर आवेदन लेकर पहुंच रहे है। आवेदन जमा करने पहुंचे निवशकों परसराम वर्मा ने बताया कि जब पैसे लेने थे तब एजेंट रोज घर के चक्कर लगाते थे। कहते थे दफ्तर तक मत जाओं हम पैसा जमा कर देंगे। पैसा निकालने का समयावधि पूरा हुआ तो हाथ खड़ा कर कह रहे है कंपनी बंद कर भाग गई है। सुखराम साहू ने बताया कि एजेंट कहते थे अगर पैसा बिगड़ गया तो अपनी खेत तुम्हारे नाम चढ़ा दूंगा। लोगों का पैसा खाकर अब खेत नाम चढ़ाना तो दूर उनके खुद के खाने के लाले पड़े है। एजेंट मजदूरी कर रहे है। उन्होंने बताया कि अब फोन करने पर भी नहीं उठाते है।
आवेदन लेने खोले दो काउंटर
जिला प्रशासन ने निवशकों से आवेदन लेने के लिए कलेक्टोरेट परिसर में दो काउंटर खोला है। काउंटर के बाहर दो लाइन में लोग खड़े होकर आवेदन जमा कर रहे है। लेकिन लोगों की भीड़ इतनी है कि पूरा परिसर में लंबी कतार के बाद भी बाहर में लोगों की भीड़ लगी हुई है। जिससे और काउंटर बढ़ाने की आवश्यकता है। काउंटर कम पड़ने के कारण कई लोगों का आवेदन दिनभर खड़े होने के बावजूद जमा नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण लोग मायूस होकर घर लौटने मजबूर है। जो दूसरे दिन काम छोड़कर आवेदन जमा करने कार्यालय आते है।
20 अगस्त तक कर सकेंगे आवेदन जमा
डिप्टी कलेक्टर प्रवीण तिवारी ने बताया कि शासन के दिए निर्देश के आधार पर निवशकों से आवेदन लिए जा रहे है। इसके लिए निवेशक के बांड, आवेदक के नाम, एजेंट के नाम, जमा राषि के दस्तावेज जमा किए जा रहे है। साथ ही निवेषक बैंक खाता सहित जरूरी दस्तावेज भी जमा कर सकते है। उन्होंने बताया कि शासन से केवल अभी आवेदन के साथ ब्रांड जमा करने के आदेश मिले है। अभी तक करीब 6 हजार आवेदन जमा हो चुका है। वे बताते है कि शासन से आज ही आवेदन लेने की तिथि बढ़ाई गई है। निवेषक 20 अगस्त तक आवेदन जमा कर सकते है। आवेदन लेने के बाद आगे शासन से मिले निर्देश के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जानिए किस तरह हुए लोग धोखाधड़ी का शिकार
केस – 1
बेटी की शादी के लिए जमा किया था पैसा, रकम डूबी
धनीराम वर्मा ने बताया कि बेटी की शादी करने पढ़ाई के दौरान तीन महीने में 2700 रूपए जमा करता था। समयावधि पूरा होने पर बेटी की शादी के समय जमा पैसा नहीं मिल पाया। तो कर्ज लेकर बेटी की शादी कराई। जिसके अब बच्चे भी हो चुके है। सात साल बीतजाने के बाद भी जमा की राशि नहीं मिल पाई है।
खेत बेचकर जमा किया रकम डूबा जमीन रहा न पैसा
केस -2 मुक्तावनदास ने बताया कि बताया कि उन्होंने 1 लाख 24 हजार सालाना की दर से खेत लेने पैसा जमा कर रहा था। कंपनी बंद हो गई अब पैसे भी नहीं मिले। खेत भी नहीं रहा। जिसके चलते अब मजदूरी करके परिवार का गुजारा कर रहा है। उन्होंने बताया कि उनके घर के अन्य सदस्यों के नाम से भी कंपनी में लाखों रूपए जमा किया है। दफ्तर जाने पर कोई जानकारी नहीं मिलती है।
इन चिटफंड कंपनियों ने की धोखाधड़ी
पीएसीएल, जीएन गोल्ड, एचबीएन कंपनी, बीएनपी इंष्योरेंस, सांई प्रकाश फायनेंस, संजीवनी, दिव्यानी सहित करीब 200 कंपनियों ने बेमेतरा जिले के निवेशकों से धोखाधड़ी की है। जिसमे लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई अब कंपनी के दफ्तर भी बंद हो चुके है। ऐसे में एजेंट भी परेशान है।
खेती किसानी का काम छोड़कर आवेदन जमा करने लाइन में लग रहे लोग
प्रकाश कुमार साहू ने बताया कि वर्तमान में बियासी व निंदाई का काम चल रहा है। ऐसे में काम छोड़कर कलेक्टर कार्यालय का चक्कर लगा रहे है। उसके बाद भी दो दिन से लंबी लाइन के कारण आवेदन जमा नहीं हो पाया है। जीवराखन यादव ने खेती बाड़ी का काम छोड़कर दिन भर बैठे है। सुबह 10 बजे पहुंचे है शाम 5 बजे तक आवेदन जमा नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि एजेंट से पैसा मांगने पर नहीं होने की बात कह रहे है। पहचान छिपाने के डर से एजेंट रात में भी हेलमेट पहनकर घर आते है।
12 हजार करोड़ से रुपए निवशकों की है जमा
बीते दिनों छग अभिकर्ता निवेशक कल्याण संघ के द्वारा डिप्टी कलेक्टर को आवेदन जमा करने की तिथि बढ़ाने ज्ञापन सौंपा गया था। संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चन्द्राकर ने बताया कि पूरे छग में 5 लाख निवेषक है। वही करीब 1 लाख एजेंट है। 12 हजार करोड़ से अधिक राषि निवेशकों की राषि जमा है। डिप्टी कलेक्टर प्रवीण तिवारी ने बताया कि निवेशकों से आवेदन लेने की अंतिम तिथि 6 अगस्त तक निर्धारित की गई थी। जिसको बढ़ाकर 20 अगस्त तक कर दी गई है।
