IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

आप की आहट छत्तीसगढ़ में कांग्रेसः के लिए खतरे की घण्टी – छत्रपाल ठाकुर

कवर्धा। अगर 2023 के विधान सभा चुनाव में आम आदमी (आप ) पार्टी अपना प्रत्यासी उतारती है तो काग्रेस के जीत का रास्ता कठिन हो सकता है। याद करिये 2003 का चुनाव जिसमे भाजपा को जीत मिली थी और मुख्यमंत्री रमन सिंह बने थे काग्रेस का नेतृत्व तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी कर रहे थे और कोंग्रेस चुनाव भी जीत रही थी । लेकिन काग्रेस के विजय रथ को ग्रहण लगाया एन सी पी ने जिसका नेतृत्व रूष्ट कांग्रेसी नेता वीसी शुक्ला कर रहे थे।परिणाम के बाद जिनका वोट प्रसेंटेज मात्र 1.5 ही था और यह पूरा कांग्रेस का ही वोट था इसके चलते कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सत्ता से बाहर हो गई और भाजपा शीर्ष नेताओं ने छत्तीसगढ़ का कमांड रमन सिंह को सौप दिया और रमन मुख्यमंत्री बन गए। हालांकि उस जीत में बीजेपी की कोई खास भूमिका नही थी। काग्रेस के हार का मुख्य कारण एनसीपी के 1.5 वोट हासिल करना था।

फिर जो हुआ पूरे छत्तीसगढ़ ने देखा 3 पंच वर्षीय भाजपा सत्ता में काबिज रही तीनो बार मुख्यमंत्री रमन सिंह रहे चौथी बार भी भाजपा की सरकार बनती। लेकिन इस सच्चाई का क्या की सत्ता का मद इतना पावरफुल होता है कि इंसान का पूरा आचरण ही बदल देता है पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ भी कुछ ऐसा हि हुआ उनको लगा कि रमन सिंह और भाजपा का छत्तीसगढ़ में कोई विकल्प ही नही है इसी सोच के चलते जनता और कार्यकर्ता से कब दूरी बन गई उनको पता ही नही चला।

मतदाताओं ने तय कर लिया कि अब की बार कांग्रेस सरकार कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प भी नही था 15 साल बाद कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सत्ता में वापसी कर गई जबकि चुनाव जीतने के लिए भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के पास कोई मुद्दा ही नही था हालांकि कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि वो अपने चुनावी मेनिफेस्टो के दम पर जीते है। ये बात नही है प्रदेश की जनता ने भाजपा को अपने दिमाग से हटा दिया था जिसका ये परिणाम है।

दिल्ली और पंजाब की जनता ने साबित कर दिया आप पार्टी को जीता कर लोग सुशासन चाहते हैं दोनो प्रदेश के मतदाताओं ने दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया।

भूपेश के हाथ छत्तीसगढ़ का कमांड दे कर कांग्रेस आला कमान ने कोई गलती नही की। एक मुख्यमंत्री के तौर पर अपना चुनावी वादा बराबर भूपेश निभा रहे है और छत्तीसगढ़ के किसानों को साधने में काफी हद तक सफल भी है।कांग्रेसी विधायकों ने एक अच्छे जन सेवक होने का परिचय भी दिया है अगर 2023 चुनाव तक कांग्रेस में कोई आपसी मनमुटाव न हो तो कांग्रेस को सत्ता से बाहर करना भाजपा के लिए टेढ़ी खीर होगी भाजपा के लिए सत्ता की दूरी आप पार्टी तय करेगा हालांकि कांग्रेस आप पार्टी को हल्के में ले रही है।अगर आप पार्टी 2023 के चुनाव में कांग्रेस के दो चार दबंग जनाधार वाले नेताओं को तोड़ने में कामयाब होती है तो तब कांग्रेस को परेशानी हो सकती है और भाजपा का काम आसान हो जाएगा। दो प्ररसेंट वोट अगर आप छत्तीसगढ़ में पाएगी तो चुनाव का पूरा समीकरण बदल जायेगा फिर वही 2003 वाली स्थिति बनने के पूरे चांसेस है। आप पार्टी का छत्तीसगढ़ में कोई वजूद नही है ये फ़िलहाल वोट कटुआ का काम कर सकते हैं जिससे पूरा नुकसान कांग्रेस को होगा। प्रदेश के मुखिया भूपेश अभी से 2023 विधान सभा की तैयारी में जुट गए हैं। अब देखना ये है कि भाजपा और आप पार्टी का चुनावी परफॉर्मेंस कैसा रहेगा।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

error: Content is protected !!