राजनांदगांव। बच्चों में कुपोषण दर की कमी लाने के लिए केंद्र सरकार ने फोर्टीफाइड चावल का निर्माण करना शुरू कर दिया है। इसे सामान्य चावल में निर्धारित अनुपात के मिलाकर चिन्हित क्षेत्रों में भेजने की तैयारी पूर्ण की जा चुकी है। इस कार्य में भारतीय खाद्य निगम की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस संबंध में जानकारी देने के लिए गुरुवार को रायपुर नाका स्थित एफसीआई गोदाम में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता के दौरान अधिकारियों ने बताया कि एफएसडी राजनांदगांव भारतीय खाद्य निगम , खाद्य आपूर्ति श्रृंखला की एक नोडल एजेंसी , अपने खाद्य भंडारण डिपो के माध्यम से प्रचुरता वाले राज्य से कमी वाले राज्यों में खाद्यान प्रेषित कर देश भर के हर कोने – कोने में खाद्यान्न की आपूर्ति को पूरा करती है । भा.खा. नि . दुर्ग मंडल के एफएसडी राजनांदगांव ऐसा एक डिपी है , जो 77256 मे.ट. की भण्डारण क्षमता एवं डिपो के अंदर स्थित रेलवे साइडिंग के साथ विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं के अंतर्गत अन्य राज्यों और छत्तीसगढ़ को भी खाद्यान्न की आपूर्ति कर रहा है । चूंकि छत्तीसगढ़ राज्य विकेंद्रीकृत खरीद योजना ( डीसीपी ) के अंतर्गत आता है . भारतीय खाद्य निगम के समन्वय में भारत सरकार के मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाएं लागू की जाती है । राज्य सरकार अपनी एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड ( MARKFED ) के माध्यम से सीधे किसानों से धान खरीदती है , अपने स्तर पर भंडारित करता है , लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली ( TPDS ) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए CMR ( कस्टम मिल्ड चावल ) के अंतर्गत मिलिंग और प्राप्त चावल की व्यवस्था करता है । राज्य सरकार की ओर से नागरिक अपूर्ति निगम ( NAN ) अपनी खरीद के माध्यम से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं ( NFSA , प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना , मध्याह्न भोजन , एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम और गेहूं आधारित पोषण कार्यक्रम ) के अंतर्गत केन्द्रों और दुकानों के माध्यम से स्थानीय खपत के लिए सीएमआर को स्वीकार और वितरित करता है । राज्य की अनुमानित आवश्यकता से अधिक सीएमआर केंद्रीय मूल के अंतर्गत अरवा और उसना चावल के रूप में एफसीआई को दिया जाता है । पिछले केएमएस ( 2021-22 ) के दौरान , एफएसडी राजनांदगांव में 119652.95 मे.ट. चावल की खरीद की गई थी जो कि धान के 178586.49 मेट के अनुरूप है । । इस खरीद गतिविधि के कारण राजनांदगांव के राजस्व जिले के 1.9 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए और उन्हें सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली ( PFMS ) के माध्यम से भुगतान किया गया । कोविड 19 महामारी के दौरान , एफसीआई ने पांच चरणों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ( PMGKAY ) के तहत पीडीएस प्रवासियों , मजदूरों को मुफ्त में खाद्यान्न की आपूर्ति में प्रमुख भूमिका निभाई है । एफ . सी . आई . दुर्ग मंडल द्वारा इस योजना के तहत औसतन 116375 मी . टन खाद्यान्न जारी किया गया है । आपूर्ति किए गए खाद्यात्र भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट उचित औसत गुणवत्ता ( FAQ ) मानकों के है । अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी सहायक ( गु.नि . ) / प्रबंधक ( गु.नि ) / सहायक महाप्रबंधक ( मुनि ) / मंडल प्रबंधक और क्षेत्रीय कार्यालय के साथ – साथ आंचलिक कार्यालय के अधिकारियों द्वारा समय – समय पर निरीक्षण किया जाता है । भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ( FSSAI ) द्वारा निर्दिष्ट गुणवत्ता मानकों के परीक्षण के लिए खाद्यान्न के नमूनों को एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में भी भेजा जाता है । गुणवत्ता जांच प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए प्रिंटिंग सुविधा के साथ सटीक डिजिटल नमी मीटर शुरू किए गए हैं । इसके सिवाय मिल्ड चावल की आयु निर्धारित करने और मिल मालिकों द्वारा रीसाइक्लिंग / कदाचार की प्रक्रिया को रोकने के लिए , एक निवारक उपाय के रूप में एक मिश्रित संकेतक परीक्षण का सूत्रपात किया गया है जो खाद्यान की उम्र और ताजगी निर्धारित करता है ।
सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने बनाई योजना
देश में व्यापक सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने के लिए हाल ही में एक पहल में , भारत सरकार द्वारा चावल के दृढ़ीकरण की अवधारणा प्रस्तुत की गयी है जिसमें मिल्ड चावल को ( 100 : 1 के अनुपात में ) फोर्टिफाइड चावल कर्नेल ( FRK ) के साथ भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित की गयी मात्रा में आवश्यक विटामिन और खनिजों जैसे आर्यन , विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड के साथ नियमित आहार के माध्यम से कमी वाले पोषक तत्वों की पूर्तता करने हेतु मिश्रित किया जाता है । अन्ततोगत्वा , खाद्यान को जारी करते समय इसे राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को प्रस्तुत किया जाता है और यदि वे खाद्यान को मंजूरी देते हैं तो उसे विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वितरण के लिए जारी किया जाता है । गोदामों में खाद्यान की गुणवत्ता को वैज्ञानिक तरीके से बनाए रखा जाता है और खाद्यान के संरक्षण के लिए भंडारण के दौरान संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए रोगनिरोधी और उपचारात्मक उपचार दिए जाते हैं ।
2 वर्षों में काफी कम हुआ भंडारण हानि का दर
उपरोक्त कारणों से भंडारण हानि वर्ष 2020-21 में 0.17 % से वर्ष 2021-22 में 0.01 % तक कम हो गई है । जो यह दर्शाता है कि • एफएसडी राजनांदगांव में भंडारण मानदंडों का सख्त कार्यान्वयन किया जा रहा हैं , आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एफएसडी राजनांदगांव से कम उत्पादन वाले राज्यों में खाद्यान को स्थानांतरित करने हेतु परिचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है । कोविड -19 महामारी ( 2020-2022 ) के दो वर्षों के दौरान , विभिन्न सरकारी योजनाओं में से विशेषकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत खाद्यान्न मांग को पूरा करने के लिए 379838.68 में.ट. खाद्यान्न को रेल परिचालन के माध्यम से एफएसडी राजनांदगांव से कम उत्पादन वाले राज्यों के विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया है । इसके अतिरिक्त एफएसडी राजनांदगांव में डिपो संचालन की पूरी श्रृंखला में प्रमुख जांच बिंदुओं / स्थल पर डिपो ऑनलाइन सिस्टम ( DOS ) से लैस किया गया है , जो प्रवेश द्वार से शुरू होने वाले सभी कार्यों की लाइव फीडिंग सुनिश्चित करता है जहां गेट पास इलेक्ट्रिक लॉरी वे – ब्रिज से निकाला जाता है और जहां आने वाले और जाने वाले खाद्यान्नों की गुणवत्ता विश्लेषण संचालन और वजन जांच ज्ञापन के निर्माण के लिए तीला जाता है जिसे कोई भी सुलभता से देख सकता है । इससे एफसीआई के संचालन में दक्षता और पारदर्शिता में वृद्धि हुयी है ।
60 लाइव सीसीटीवी कैमरे से लैस है राजनांदगांव डिपो
एफएसडी राजनांदगांव डिपो 60 लाइव सीसीटीवी कैमरों से लैस है और सार्वजनिक डोमेन में लिंक प्रदान की गयी है जिसे कोई भी देख सकता है जो डिपो में एफसीआई संचालन की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है । इसके अलावा , एफएसडी राजनांदगांव में सभी संचालन प्रवेश द्वार से शुरू होते हैं जहां गेट पास को वे ब्रेज के लिए निकाला जाता है जहां आने वाले खाद्यान्न की मात्रा को गुणवत्ता विश्लेषण संचालन के लिए तौला जाता और वजन जांच ज्ञापन का प्रिंट डिपो ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से डिजिटल रूप से किया जाता है । जो -अधिक समय कुशल है और एफसीआई संचालन में पारदर्शिता भी लाता है । भारतीय गुणवत्ता परिषद ( QCI ) द्वारा डिपो का व्यापक तृतीय पक्ष मूल्यांकन किया गया है और उनके द्वारा एफएसडी राजनांदगांव को 5 – स्टार रेटिंग दी डिपो की भौतिक बुनियादी गयी है और वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी ( WDRA ) के द्वारा ढांचे की विस्तृत जांच के आधार पर डब्लूडीआरए प्रमाणीकरण भी जारी किया गया हैं । डिपो में कर्मचारियों के साथ – साथ मजदूरों की मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से शौचालय , विश्राम कक्ष और पेयजल की सुविधा उपलब्ध की गयी है । क्षमता वृद्धि के लिए स्टेक क्षमता को 21 परतों से 25 परतों तक बढ़ाकर स्टेक क्षमता को 162 में . ट . से 174 में.ट. तक बढ़ाने की नई पहल की गई है । इससे राजनांदगांव एफएसडी की क्षमता 61625 में . ट . से बढ़कर 77256 में . ट . हो गई है ।
एफसीआई के कार्यों के संबंध में आईटीआई छात्रों को किया गया जागरूक
जागरूकता अभियान के क्रम में अशोका आई.टी.आई. राजनंदगाँव के स्कूली बच्चों ने एफसीआई , एफएसडी राजनंदगांव का दौरा किया । स्कूली बच्चों को चावल की स्वीकृति की गुणवत्ता प्रक्रिया , गुणवत्ता विश्लेषण के विभिन्न तरीकों के माध्यम से चावल स्वीकार करने की विधि और विभिन्न तरीकों को नवीनतम प्रौद्योगिकियां जो डिपो संचालन में शामिल थीं अर्थात डिपो ऑनलाइन सिस्टम ( DOS ) . लाइव वेब फीडिंग और बिल ट्रैकिंग सिस्टम ( BTS ) आदि से शिक्षित किया गया । उन्हें चावल के फोर्टिफिकेशन और इसके लाभों के बारे में भी शिक्षित किया गया । स्कूली बच्चों के लिए एफसीआई कॉर्पोरेट फिल्म , खरीद , खाद्यान्न के वैज्ञानिक भंडारण पर एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई ।
