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प्राणीशास्त्र के विद्यार्थियों ने विशाखापत्तनम का शैक्षणिक भ्रमण के दौरान मत्स्यदर्शिनी एक्वेरियम में विभिन्न प्रकार की समुद्री मछलियों के आकार- प्रकार एवं व्यवहार का समग्र अध्ययन किया

राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. एल. टांडेकर के मार्गदर्शन प्राणीशास्त्र विभाग के एम.एस.सी. पूर्व एवं अंतिम के विद्यार्थियों ने प्राध्यापक मेजर डॉ. किरणलता दामले एवं डॉ. माजिद अली के साथ विशाखापत्तनम का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने मत्स्यदर्शिनी एक्वेरियम में विभिन्न प्रकार की समुद्री मछलियों के आकार- प्रकार एवं व्यवहार का समग्र अध्ययन किया।

गौरतलब है कि महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग में मत्स्य एवं मत्स्यिकी विषय में मास्टर डिग्री हैं। विशाखापत्तनम सी हार्बर में विभिन्न फिशिंग बोट तथा सामग्री एवं समुद्र तटीय मस्त्य व्यवसाय के तौर-तरीके का बारीकी से विश्लेषण किया। यहाँ अनेक समुद्री जीव जंतुओं का संकलन भी किया जैसे ऑक्टोपस, सेपिया, लोलिगो, स्टारफिश, मेक्रोन, पम्फरेट, ट्रिगर फिश, ब्लैक स्पॉट स्नेपर, एलीगेटर गार, रेड स्क्वेरक्ल फिश, ब्लू आकारा, मून रेसी, ऑस्कर, एरोवाना, विभिन्न प्रकार के कोरल आदि का संकलन भी किया।

विद्यार्थियों ने सिम्हाचलम में ऋषिकोंडा स्थित विष्णु भगवन के नरसिंह अवतार के भी दर्शन किये। प्राचार्य डॉ. के. एल. टांडेकर ने एम.एस.सी. के विद्यार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि ऐसे भ्रमण से विद्यार्थियों का ना केवल ज्ञानवर्धन तथा अनुभव प्राप्त होता है अपितु महाविद्यालय के लिए दुर्लभ जीवों के संकलन से म्यूजियम भी संवर्धित होता हैं।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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