राजनांदगांव। कोविड-19 सुरक्षा कार्य में 24×7 सेवा देने वाले डीएमएफ (खनिज संस्थान न्यास मद) अंतर्गत रखे गए संविदा स्वास्थ कर्मियों की सेवा समाप्ति को लेकर प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद से डीएमएफ कर्मियों में नाराजगी और शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश फूट पड़ा है। इस मामले में छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अपना समर्थन दिया है। संघ, डीएमएफ कर्मियों को लेकर विरोध की तैयारी कर रहा है। गुरुवार को जिला अस्पताल में बैठक कर आगामी दिनों में आंदोलन की रणनीति बनाई गई है।
छग प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सत्यम हुमने ने कहा कि कोविड-19 सुरक्षा कार्य के दौरान डीएमएफ कर्मियों ने मैदानी स्तर पर अपनी सेवाएं दी है। कर्मियों को इस तरह बाहर का रास्ता दिखाना उचित नहीं है। डीएमएफ कर्मियों के नहीं रहने से स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ेगा। संघ इस मामले का विरोध करती है। सेवा अवधि को बढ़ाया जा सकता है, इस मामले को लेकर आगामी दिनों में शासन प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो आंदोलन किया जाएगा। गौरतलब है कि डीएमएफ अंतर्गत रखे गए 217 कर्मचारियों की सेवा अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही है। इसे लेकर 2 मार्च को आदेश जारी कर दिया गया है।
कर्मचारियों ने कहा 2017 से कर रहे काम
डीएमएफ कर्मी रेणुका टांडेकर, गुलशन, मुकेश देवांगन, देवेंद्र कुमार, छत्रपाल देवांगन ने बताया कि ज्यादातर कर्मी 2017 से स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे है। कर्मियों में मेडिकल ऑफिसर, स्टॉफ नर्स, वार्ड बॉय, वार्ड आया, एएनएम, स्वीपर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन पद पर कर्मी पूरे जिले में काम कर रहे है। यदि उन्हें सेवा से निकाला जाएगा तो उनके सामने रोजगार की दिक्कत आ जाएगी, आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ेगा। इसलिए वे शासन से मांग करते है कि उनकी सेवा अवधि बढ़ाई जाए।
इधर सीएमएचओ ने कहा- जब कभी भर्ती होगी उसमें अनुभवी को प्राथमिकता दी जाएगी
सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी से जब इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि एक साल के कॉन्ट्रैक्ट बेस में डीएमएफ के अंतर्गत कर्मचारियों को रखा गया था, मार्च अंत में कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाएगा। आगामी समय में जब कभी इस तरह की भर्ती होंगी तो पुराने अनुभवी कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
