फोटो:- कीजिए प्राचीन शिव मंदिर का दर्शन
एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव
राजनांदगांव जिला मुख्यालय से 74 किलोमीटर दूर गंडई स्वयं मेंे कल्युरिकाल को समेटे हुए है। इस प्रत्यक्ष प्रमाण यहां के टिकरीपारा में स्थित प्राचीन शिव मंदिर है। जिसका निर्माण कल्चुरिकाल के दौरान 13-14वीं शती में कराया गया था। खास बात ये है कि इस मंदिर के दीवारों पर उकेरे गए शिल्पो में आपको रामायण और महाभारत कथाओं का जीवंत दृश्य देखने को मिलेगा। जो वास्तुकला का सुंदर व उम्दा उदाहरण है।
नागर शैली में निर्मित यह शिवमंदिर पूर्वाभिमुख है। निरंधार योजना में निर्मित इस मंदिर की भू-संरचना में गर्भगृह और मुखमंडप था। वर्तमान में मुखमंडप नष्ट हो चुका है। लेकिन गर्भगृह और शिखर विद्यमान है। विशेषज्ञों के अनुसार भूमिज शैली के इस मंदिर में अधिष्ठान में तीन थरों-गज, अश्व और नर की योजना है। मंदिर के जंघा भाग में विविध मूर्तियों का शिल्पांकन है। इनके थरों में रामायण और महाभारत के कथानकों को उत्कीर्ण किया गया है। इसमें भगवान राम-हनुमान, राम-सुग्रीव मित्रता, बालि-सुग्रीव युद्ध, बालि वध, अशोक वाटिका में सीता आदि का मनोहारी अंकन है। इसके अलावा गोवर्धनधारी-कृष्ण, बंशीधर कृष्ण, ग्वाल बालो की टोली, दहीलूट का दृश्य है। पुरातत्व की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण स्थल है। इसलिए केंद्र सरकार ने इस मंदिर को संरक्षित स्मारक घोषित किया है।
आसपास के लोग करते है पूजा
स्थानीय निवासियों के मुताबिक आसपास के लोग मंदिर में पूजा करने आते है। ज्यादा लोगों को इस मंदिर के बारे में पता नहीं है, ये किसी दर्शनीय स्थल से कम नहीं है। विशेष धार्मिक दिवसों में यहां धार्मिक कार्यक्रम कराने के बारे में विचार किया जा सकता है, जिससे लोगों को इस प्राचीन मंदिर के बारे में जानकारी हो।
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