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राजनांदगांव। शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्तियों में लेनदेन की जून माह 2021 को लिखित शिकायत हुई थी और कलेक्टर के निर्देश पर डिप्टी कलेक्टर ने अपने कर्मचारीयों को भेज कर शिक्षा अधिकारी के कक्ष से दिनांक 11 जून को डीवीआर जप्त कर लिया था क्योंकि यह लिखित शिकायत हुआ था कि जिला शिक्षा अधिकारी के कक्ष में अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए पैसे के लेन-देन की रिकॉडिंग हो सकता है लेकिन डीवीआर जप्त करने के पश्चात् इसकी रिकवरी नही कराया गया जिसको लेकर शिकायतकर्त्ता प्रेमनारायण वर्मा ने संयुक्त संचालक, दुर्ग संभाग को पत्र लिखकर डीवीआर की जांच कर कार्यवाही कराने की मांग किया गया था क्योंकि उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार और लोकहित से जूड़ा हुआ मामला है और जांच रिपोर्ट में यह लिखा हुआ है कि जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव ने नियम विपरीत अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी किया गया और नियम विपरीत अनुकंपा नियुक्ति आदेश निरस्त किया गया, इतना ही नही विधान सभा में भी अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में मिथ्या व भ्रामक जानकारी प्रस्तुत किया गया, इसलिए इस प्रकरण की तत्काल निष्पक्ष जांच होना चाहिए।
अब सवाल यह भी उठ रहा है कि सीसीटीवी फुटेज को अब तक रिकवर क्यों नही कराया गया।
जिस तत्परता के साथ डीवीआर को जप्त किया गया था और उसके पश्चात् सीसीटीवी फुटेज में क्या दिखा, यह कोई बताने को क्यों तैयार नही है।
क्या डेटा डिलिट कर दिया गया था? या फुटेज में लेन-देन का रिकॉडिंग दिख रहा है?
जानकार बता रहे है कि दोनो ही परिस्थिति में एफआईआर दर्ज होना चाहिए था लेकिन ऐसा क्यों नही हुआ?
शिकायतकर्ता का कहना है कि अपराध करना और साक्ष्य को छिपाना दोनो ही परिस्थिति में प्राथमिकी दर्ज होना था और उनके द्वारा कलेक्टर और पुलिस अधिक्षक को पत्र लिखकर कार्यावाही करने की मांग किया गया था लेकिन जब कोई कार्यवाही नही किया गया तो संयुक्त संचालक, दुर्ग संभाग को कार्यवाही करने की मांग किया गया था जिस पर अब कलेक्टर को जांच कर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है।

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