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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पहले के लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करें : कलेक्टर
– प्रदेश में जिले के किसानों ने कराया सर्वाधिक बीमा, जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2 लाख 58 हजार किसानों ने कराया बीमा
– किसानों को योजना के नियम से संबंधित पूरी जानकारी होनी चाहिए
– फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करें
– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में जिला स्तरीय पर्यवेक्षण एवं शिकायत समिति की बैठक संपन्न
राजनांदगांव 21 जुलाई 2021। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में जिला स्तरीय पर्यवेक्षण एवं शिकायत समिति की बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2 लाख 58 हजार किसानों ने बीमा कराया है, जो प्रदेश में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पहले के लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करें। भविष्य में दुबारा ऐसी गलती न हो इसके लिए सभी संबंधित अमले को प्रशिक्षण दें और पुस्तक एवं ब्रोशर के माध्यम से प्रचार-प्रसार करें। कलेक्टर ने संवेदनशीलता से किसानों की शिकायत का इस माह के अंत तक निराकरण करने के निर्देश दिए। किसानों को योजना के नियम से संबंधित पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए स्थानीय सरल भाषा का उपयोग करते हुए जानकारी दें। कलेक्टर ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि 1 जून से 30 सितम्बर तक कृषक पंजीयन करा सकते हंै। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें। खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत फसल विविधिकरण को प्रोत्साहित करें।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि शासन या अन्य विभाग एवं संस्थाओं द्वारा अनावारी, सूखा, बाढ़, अकाल क्षेत्र घोषित किये गये जाने पर बीमा दावा देय नहीं होगा जबकि बीमा दावा गणना आयुक्त भू-अभिलेख छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में रैण्डम नंबर के आधार पर आयोजित फसल कटाई प्रयोग मुख्य एवं अन्य अधिसूचित फसल हेतु 2 पटवारी एवं 2 ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी से प्राप्त वास्तविक उपज के आंकड़ों से की जाएगी। फसल उत्पादन के आंकलन के लिए अधिसूचित बीमा इकाई ग्राम में फसल कटाई प्रयोग आयोजित करने के उपरांत प्रयोग से प्राप्त वास्तविक उपज, थ्रेस-होल्ड उपज से कम प्राप्त होने पर बीमित किसानों को बीमित राशि के आधार पर दावा भुगतान किया जाएगा। वास्तविक उपज, थ्रेसहोल्ड उपज से अधिक होने पर दावा भुगतान की पात्रता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को यह जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने खरीफ 2020 में दावा भुगतान एवं लंबित भुगतान, रबी 2020-21 में फसल बीमा की अंतिम प्रगति एवं दावा गणना की अंतिम स्थिति, शत-प्रतिशत किसानों को फसल बीमा आवरण में लाने के संबंध में चर्चा की। गौरतलब है कि वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था यदि वह धान के बदले कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाईड धान, केला, पपीता अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्ष तक आदान सहायता राशि दी जाएगी। इस अवसर उप संचालक कृषि श्री जीएस धु्रर्वे, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री राजेश शर्मा, सहायक संचालक कृषि श्री टीकम ठाकुर, आत्मा योजना के श्री राजू सहित कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग एवं बीमा कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे।

By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

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