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मूर्ति की जांच करने रांका पहुँची पुरातत्व विभाग की 3 सदस्यीय टीम, दो घंटे हुई बहस जांच कर वापस लौटाने की बात पर माने ग्रामीण

दो फीट गहराई में मिली डेढ़ फीट मां काली की मूर्ति

खुदाई स्थल में मूर्ति की जांच की मांग कर रहे थे ग्रामीण, जांच कर वापस लौटाने पर माने

जांच में लगेगा 15-20 दिन का समय

फोटोः 03 ग्रामीणों से चर्चा कर समझाते अधिकारी व पुरातत्व की टीम

बेमेतराः- 4 नवंबर 2021:- बेमेतरा जिले के पुरानी बस्ती रांका में बनिया तालाब के पास स्थित मैदान में खुदाई के दौरान निकली मां काली की मूर्ति की जांच करने पुरातत्व विभाग रायपुर की 3 सदस्यीय टीम बुधवार को रांका पहुंची।
बेरला एसडीएम संदीप ठाकुर ने बताया कि टीम के द्वारा दोपहर करीब 12ः30 बजे मां काली की मूर्ति को जमीन से निकालने के लिए खुदाई शुरू की गई। विभाग द्वारा मूर्ति को जांच के लिए रायपुर ले जाने की बात पर ग्रामीणों ने विरोध किया। आस्था के चलते ग्रामीण मां काली की मूर्ति की जांच खुदाई स्थल में ही करने की मांग कर रहे थे। इस दौरान आधे घंटे तक अधिकारियों व टीम को गांव की महिलाओं ने मूर्ति को छूने तक नहीं दिया। जिसके चलते 1 घंटे तक माहौल गरमाया रहा। स्थिति देख अधिकारियों को पुलिस फोर्स बुलानी पड़ गईं। जहां जांच करने पहुंची टीम ने ग्रामीणों से चर्चा कर मूर्ति की जांच कर वापस खुदाई स्थल में स्थापित करने की बात कही गई। तब कहीं जाकर ग्रामीण राजी हुए। जिसके बाद खुदाई शुरू की गई। जहां दो फीट की गहराई में डेढ़ फीट मां काली की मूर्ति को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इधर विरोध के चलते ग्रामीणों को शांत करने व जमीन से मां काली की मूर्ति को बाहर निकालने के लिए खुदाई में टीम को 2 घंटे का समय लग गया।

फोटोः 02 ग्रामीणों से चर्चा कर समझाते अधिकारी व पुरातत्व की टीम

ग्रामीणों कों शांत करने बुलानी पड़ गई पुलिस फोर्स

करीब दोपहर 2 बजे मां काली की मूर्ति को जमीन से बाहर निकालने के बाद पुरातत्व विभाग की टीम ले जाने की तैयारी में थी। इस दौरान मूर्ति को नहीं ले जाने की बात को लेकर महिलाएं खुदाई स्थल में बैठकर विरोध करने लगी। जहां पुरातत्व टीम के सदस्य, अधिकारी व पुलिस ने ग्रामीणों को मूर्ति की जांच के बाद खुदाई स्थल में स्थापित करने की बात कही। जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए। जहां ग्रामीणों व अधिकारियों की उपस्थिति में पंचनामा तैयार कर टीम मूर्ति को जांच के लिए लेकर रायपुर रवाना हुई। इस दौरान पुरातत्व विभाग की 3 सदस्यीय टीम पुरातत्व विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. प्रतापचंद पारख, पुरातत्व विभाग के पर्यवेक्षक प्रभात सिंह, एक्सटेषन असिस्टेंट प्रवीण तिर्की शामिल थे।

फोटोः 03 मूर्ति को बाहर निकालने खुदाई करते कर्मचारी

खुदाई स्थल के 25 फीट एरिया को किया चूने से चिन्हांकित

पुरातत्व विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. प्रतापचंद पारख ने बताया कि खुदाई में निकली मां काली की मूर्ति की जगह से लेकर 25 फीट के एरिया को चूने से चिन्हांकित किया गया है। जहां पर किसी तरह का कब्जा नहीं किया जाएगा। चिन्हांकित जगह को जिला प्रशासन की निगरानी में देखरेख व सुरक्षित रखा जाएगा। फिलहाल मां काली की मूर्ति को म्यूजियम में सुरक्षित रखा गया है। जिसे गठित टीम द्वारा जांच किया जाएगा। 8 से 10 नवंबर तक कमेटी गठित की जाएगी। जहां जांच के बाद जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। खुदाई के दौरान एसडीएम संदीप ठाकुर, तहसीलदार, एसडीओपी राजीव शर्मा, राजेश मिश्रा, सहित महिला पुलिस की टीम मौजूद थी।

फ़ोटो: खुदाई में निकली मा काली की डेढ़ फीट की मूर्ति

दो फीट गहराई में मिली मां काली की डेढ़ फीट मूर्ति

राजस्व विभाग व पुरातत्व विभाग की टीम की निगरानी में जमीन की खुदाई की गई। जहां 5 कोटवारों के द्वारा सब्बल व कुदाल से सावधानी पूर्वक खुदाई कर मूर्ति को जमीन से बाहर निकाला गया। डिप्टी डायरेक्टर प्रतापचंद पारख ने बताया कि करीब 2 फीट की गहराई में मां काली की डेढ़ फीट मूर्ति मिली है। मूर्ति रेड स्टोन की है। जिसमें दो भुजीय मां काली अपने पैर को शिव जी के सीने में रखे अंकित दिखाया गया है। उन्होंने बताया कि मूर्ति परीक्षण करने एक समिति गठित की जाएगी। जिसमें यूनिवर्सिटी से पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर, एक एएसआई के सदस्य व पुरातत्व के दो सदस्य शामिल रहेंगे। गठित समिति के द्वारा मूर्ति कितनी पुरानी है उसका परीक्षण किया जाएगा। जिसके बाद रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी। जांच में 15-20 दिनों का समय लग जाएगा।

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