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रबी के लिए सहकारी समितियों एवं भण्डारण केन्द्रों में वर्तमान में 70 हजार मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध

  • राज्य विपणन संघ ने 60 हजार मीट्रिक टन यूरिया क्रय का आदेश जारी किया
  • डीएपी, एमओपी और एसएसपी उर्वरक के लिए क्रय आदेश शीघ्र होगा जारी

रायपुर, 28 अक्टूबर 2021। छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान समय में सहकारी समितियों में विक्रय हेतु कुल 47 हजार 753 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के उर्वरक भण्डारण केन्द्रों में भी 22 हजार 350 मीट्रिक टन उर्वरक भण्डारित है। रबी सीजन में राज्य के किसानों को रासायनिक उर्वरकों की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा 60 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति का क्रय आदेश फर्टिलाईजर आपूर्तिकर्ता कंपनी को दिया गया है।

यह जानकारी आज कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित राज्य स्तरीय उर्वरक क्रय समिति की बैठक में दी गई। बैठक में बताया कि प्रदेश में कृषकों की आवश्कता हेतु वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। बैठक में यह भी बताया गया कि कृषकों द्वारा रबी सीजन वर्ष 2019-20 में 31 जनवरी तक 16 हजार 94 मीट्रिक टन तथा वर्ष 2020-21 में 31 जनवरी तक 22 हजार 294 मीट्रिक टन उर्वरक का उठाव किया गया था। उक्त दोनों वर्षों में 31 जनवरी की स्थिति में उर्वरकों के उठाव की मात्रा को देखा जाए तो इस साल लगभग 3 गुना अधिक मात्रा में उर्वरक समितियों एवं विपणन संघ के भण्डारण केन्द्रों में है। इसके बावजूद भी किसानों को रबी सीजन में किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसको देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ द्वारा 60 हजार मीट्रिक टन यूरिया की खरीदी का आदेश जारी किए जाने के साथ ही डीएपी उर्वरक की आपूर्ति के लिए आपूर्तिकर्ताओं को व्यादेश जारी किया जा रहा है।

बैठक में यह भी बताया गया कि देश में डीएपी उर्वरक की अनुपलब्धता एवं कम आयात को ध्यान में रखते हुए डीएपी के विकल्प के रूप में समिश्रित उर्वरक एनपीके एवं एमओपी के क्रय करने की प्रक्रिया भी तेजी से शुरू कर दी गई है। विपणन संघ द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि एसएसपी उर्वरक के 11 आपूर्तिकर्ताओं द्वारा राज्य को उर्वरक की आपूर्ति की सहमति दी गई है। इन आपूर्तिकर्ताओं को कुल एसएसपी पाउडर, एसएसपी दानेदार एवं जिंकेटेड एसएसपी पाउडर क्रय करने का आदेश दिया जा रहा है। बैठक में यह भी बताया गया कि जिलों के सभी क्षेत्रों में उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जिला कलेक्टरों को जिले के अंतर्गत आवश्यकतानुसार उर्वरक परिवहन के अधिकार दिए गए हैं।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत ने अधिकारियों को भारत सरकार द्वारा उर्वरक के आवंटन में वृद्धि हेतु फर्टिलाइजर पोर्टल पर उर्वरक की उपलब्धता निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने तथा उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से प्रदेश को प्राथमिकता के आधार पर उर्वरक प्रदाय करने हेतु समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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