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कवर्धा। कबीरधाम जिले में हुए सांप्रदायिक हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से 59 आरोपियों को जमानत मिल गई है। इसके बाद ये सभी दुर्ग जिले से सीधे कवर्धा के लिए रवाना हुए। लेकिन कवर्धा पुलिस ने सभी को जिले की सीमा पर ही रोक लिया। जिसके बाद सभी आरोपियों ने वहीं पर बैठकर धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया और कवर्धा में प्रवेश देने की मांग करने लगे।

आपको बता दें कि बता दें कि कवर्धा शहर के लोहारा नाका पर 3 अक्टूबर को झंडे के लिए दो पक्षों में विवाद हुआ था। 5 अक्टूबर को कवर्धा शहर में उपद्रव हुए। इसके बाद जिला प्रशासन ने शहर में धारा 144 लगा दिया। मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले की कवर्धा कोर्ट में सुनवाई के दौरान 20 अक्टूबर को 18 आरोपियों को जमानत दी गई थी। इसके बाद शुक्रवार को 59 लोगों को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 20-20 हजार रुपए मुचलके के साथ जमानत पर छोड़ने का फैसला दिया।

जमानत मिलने के बाद सभी आरोपी दुर्ग जेल से कवर्धा के लिए रवाना हुए। लेकिन पुलिस ने शहर में लगे धारा 144 के कारण एक साथ बड़ी संख्या में जिले में प्रवेश नहीं दिया। जिसके बाद सभी ने सांसद संतोष पांडेय के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए।

जितनी भी धाराएं लगाई गई है सभी को वापस लिया जाए: सांसद पांडेय

इस दौरान सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि कवर्धा में 3 अक्टूबर की घटना के बाद 5 अक्टूबर को विहिप द्वारा विधिवत आंदोलन किया गया, जो आज भी जारी है। इस दौरान जो जेल में बंद थे उन्हें कल कोर्ट से जमानत मिला। जिसके बाद आज कोर्ट से छुटकर आए है। जितने भी जेल गए थे ये कोई लूट, चोरी, डकैती या बलात्कार में अंदर नहीं गए थे। ये सभी समाज के युवा थे जो अपने समाज के मानबिंदुओं, अपने राष्ट्र की रक्षा, अपने ध्वज की रक्षा किए है। उन्होंने कहा कि जो फूटेज का दावा किया जा रहा है उसे दिखाए। कहां कौन से सरकारी वाहन या संपत्ति का नुकसान हुआ है। कहां बलवा हुआ है। हम मांग करते है कि जितने भी धाराएं लगी है वह निरस्त हो और सभी को वापस लिया जाए।

शहर में धारा 144 लगा हुआ है इसलिए सभी को एक साथ जाने की अनुमति नही

सीएसपी ने कहा कि 35 लोग जो कवर्धा जिले के रहने वाले है उनको कल जमानत मिला। जिसके बाद आज 59 लोग रिहा होकर वापस आए है। शहर में धारा 144 लगा हुआ है। इसलिए सभी को सामूहिक रूप से प्रवेश के लिए मना किया। इसके बाद सभी को एक-एक करके प्रवेश दिया गया है। वहीं कई लोग दूसरे जिलों के थे जिन्हें बाइपास होते हुए जाने दिया गया है।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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