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*पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने विधानसभा में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, पीडीएस दुकानों के संचालन, महिला पर्यवेक्षकों की भर्ती एवं नवजात शिशुओं के पोषण का उठाया मुद्दा*

कवर्धा। पंडरिया विधायक भावना बोहरा द्वारा लगातार विधानसभा में जनहित व शासकीय योजनाओं के विषयों एवं विभिन्न मुद्दों को लेकर विधानसभा में प्रश्न किया जा रहा है। आज विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान भावना बोहरा ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन वितरण एवं कोविड-19 के समय केंद्र सरकार द्वारा अन्न प्रदाय के वितरण में तत्कालीन प्रदेश की कांग्रेस सरकार में हुई गड़बड़ी का विषय विधानसभा में उठाया।

भावना बोहरा ने प्रश्न पूछा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत छत्तीसगढ़ में निवासरत गरीब परिवारों के लिए प्रतिमाह कितना चावल राज्य को आबंटित किया जाता है? राज्य सरकार द्वारा अप्रैल, 2023 से फरवरी, 2025 तक इस योजना अंतर्गत कितने चावल का वितरण किया गया? जिसका उत्तर देते हुए खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारियों के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित मासिक प्रात्रता अनुसार वर्तमान में 1,15,338 टन चावल प्रतिमाह आबंटित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत अप्रैल 2023 से फरवरी 2025 तक 25,70,780 टन चावल का वितरण किया गया।

पूरक प्रश्न करते हुए भावना बोहरा ने कहा की कोविड-19 के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों को राहत देने के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत प्रतिमाह 5 किलो अनाज का निशुल्क वितरण हेतु केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को आवंटित अनाज का वितरण नहीं होने की लगातार शिकायत मिल रही है जिसके संबंध में उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के समय हुई इस अनियमितता की जांच की मांग भी उन्होंने सदन के समक्ष रखा। जिसके उत्तर में माननीय मंत्री जी ने कहा कि इसकी शिकायत नहीं मिली है यदि इसकी शिकायत उपलब्ध कराते हैं तो जांच की जाएगी।

भावना बोहरा ने पंडरिया विधानसभा अंतर्गत संचालित राशन दुकानों के संबंध में प्रश्न करते हुए पूछा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित राशन दुकानों के लिए वर्ष 2023-2024 से 1 फरवरी, 2025 तक कितने गोदाम निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है एवं कितने गोदामों का निर्माण हो चुका है और कितने शेष हैं ? कितने गोदाम जर्जर हैं? उक्त अवधि में कितनी राशन दुकानें भवनविहीन हैं? इन भवनविहीन दुकानों एवं जर्जर गोदामों का भवन निर्माण एवं जीर्णोद्धार कब तक किया जाएगा? जिसके लिखित प्रतिउत्तर में खाद्य मंत्री ने बताया कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत संचालित उचित मूल्य दुकानों के लिए प्रश्नांकित अवधि में उचित मूल्य दुकान-सह-गोदाम निर्माण स्वीकृत नही किया गया है। वर्तमान में विकासखण्ड पण्डरिया में 27 उचित मूल्य दुकान विकासखण्ड कवर्धा में 08 उचित मूल्य दुकान तथा विकासखण्ड सहसपुर लोहारा में 17 उचित मूल्य दुकान के गोदाम मरम्मत किये जाने योग्य है। पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में 62 उचित मूल्य दुकान में स्वयं के दुकान सह गोदाम भवन नहीं है। विभागीय बजट में राशि का प्रावधान होने पर नवीन उचित मूल्य दुकान-सह-गोदाम निर्माण स्वीकृत किया जा सकेगा।

भावना बोहरा ने महिला पर्यवेक्षकों के रिक्त पदों के संबंध में प्रश्न करते हुए पूछा कि कबीरधाम जिले में महिला पर्यवेक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में से कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पद कब तक भर लिए जाएंगे? रिक्त महिला पर्यवेक्षकों के स्थान पर प्रभारी की भूमिका किसी और को दी जाती है? यदि हां तो किसे दी जाती है ? जिसके लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि कबीरधाम जिला में महिला पर्यवेक्षको के 63 पद स्वीकृत है। स्वीकृत पदो में से पर्यवेक्षको के 02 पद रिक्त है। रिक्त पद की पूर्ति के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। रिक्त महिला पर्यवेक्षको के स्थान पर प्रभारी की भूमिका अन्य सेक्टर के पर्यवेक्षक को दी जाती है। विकासखंड कवर्धा, बोड़ला, पंडरिया एवं सहसपुर लोहारा में कुल 63 पद स्वीकृत हैं जिसमें 4 पद रिक्त हैं। कवर्धा परियोजना में 2 पर्यवेक्षक अतिशेष रूप से पदस्थ हैं एवं सहसपुर लोहारा में 1 पर्यवेक्षक द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है।

नवजात शिशुओं के पोषण व स्वास्थ्य के संबंध में प्रश्न पूछा कि माह जनवरी, 2024 से 1 फरवरी, 2025 तक प्रदेश में कितने नवजात शिशुओं की 1 वर्ष से कम की आयु में पर्याप्त पोषण ना मिलने से मृत्यु हुई है ? गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशु हेतु शासकीय कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? किन-किन योजनाओं में विगत 1 वर्षों में कितने लाभार्थी दर्ज हुए हैं? जिसके लिखित प्रतिउत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बताया कि पर्याप्त पोषण ना मिलने से प्रदेश में किसी भी नवजात शिशु की मृत्यु प्रतिवेदित नही हुई है। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाएं एवं शिशुवती महिलाओं के लिए पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना एवं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना का संचालन किया जा रहा है और जिलेवार लाभार्थी महिलाओं एवं शिशुओं की जानकारी भी उपलब्ध कराया गया।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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