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✍️ लाला कर्णकान्त श्रीवास्तव

एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव

शासकीय शराब दुकान के 11 सुपरवाइजर के बयान के उलट अमित मिश्रा मामले में लीपापोती करना पुलिस को भारी पड़ सकता है, क्योंकि मामले की शिकायत सबूत के साथ मुख्यमंत्री से कर दी गई है। किए गए पत्राचार के साथ ही यह जवाब भी मांगा गया है कि मामले में अग्रिम कार्रवाई क्या हुई? शिकायतकर्ता भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक मनोज निर्वाणी ने बताया कि मामला काफी गंभीर है। लगातार शिकायत और आरोपो से घिरे पूर्व आबकारी प्लेसमेंट कर्मी अमित मिश्रा के कारनामों के सूची काफी लंबी है।

Crime reporter@राजनांदगांव: RTI से खुला पुलिस इन्वेस्टिगेशन का कच्चा चिट्ठा, 12 सुपरवाइजर के लिखित बयान के बाद भी अमित मिश्रा के खिलाफ की गई मामूली कार्रवाई जबकि CSP ने खुद संभाली थी जांच की कमान…

आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर मिश्रा ने शराब के अवैध कारोबार को काफी तेजी से विकसित किया था। जो शासन के मानसा के विपरीत है। जब इस मामले की पुलिस में शिकायत की गई तो पुलिस ने सुपरवाइजर के बयान के उलट मामूली धाराओं में कार्रवाई करके इतिश्री कर ली। सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से इसका खुलासा हो चुका है। शराब का अवैध कारोबार करने और कराने वाले ऐसे व्यक्ति पर ठोस कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। यदि प्रशासन और शासन इस मामले को संज्ञान में नहीं लेते है, तो मामले को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिका जल्द ही दायर की जाएगी।

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