राजनांदगांव। इंदिरा गाँधी कृषि वि.वि. रायपुर द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगाँव के द्वारा डॉ. गिरीश चंदेल (कुलपति इं.गां.कृ.वि. रायपुर) एवं डॉ. एस. आर. के. सिंह (जोनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर) अटारी जबलपुर के सफल निरीक्षण व निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ एस. एस. टूटेजा के निर्देशानुसार साथ ही साथ डॉ. गुजन झा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव में भारतीय मृदा विज्ञान संस्था, भोपाल (म.प्र.), एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान दिनांक 11 नवंबर 2024 को कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र सुरगी में ’’कृषि मेला सह कृषक संगोष्ठी’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय अग्रवाल जिला कलेक्टर राजनांदगांव व अध्यक्षता सुश्री सुरुचि सिंह मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजनांदगांव ने किये। इस कार्यक्रम में डाॅ. आर. इलनचेलियन, प्रधान वैज्ञानिक, डाॅ. प्रतिभा कटियार प्राध्यापक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, डाॅ. एस.के. सिंह इफको रायपुर, डाॅ. गुंजन झा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र, डाॅ. विनम्रता जैन, प्राध्यापक एस.के.एस कृषि महाविद्यालय, राजनांदगांव, डाॅ. नागेश्वर पांडे, उपसंचालक कृषि, डाॅ. एम. वसंदा कुमार, डाॅ. निशा साहू,, डाॅ. नारायण लाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डाॅ. दिनेश यादव, वैज्ञानिक, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल, ं डाॅ. नूतन रामटेके, श्रीमती अंजली घृतलहरे, श्री मनीष कुमार सिंह, डाॅ. योगेन्द्र श्रीवास, श्री आशीष गौरव शुक्ला, श्री जितेन्द्र मेश्राम, श्रीमति मंजूलता मेरावी व कृषि विभाग से श्री जी.एस. खंेगर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, श्री संतलाल देशलहरे, अनुविभागीय कृषि अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी सहित राजनांदगांव जिले के विभिन्न विकासखण्ड के प्रगतिशील कृषक एवं महिला कृषकों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्ेश्य अनूसुचित जनजाति के उपयोजना अंर्तगत आदिवासी कृषकों को अनाज वाली फसलों के बाद दलहनी व तिलहनी फसलों को लगाने एवं मिट्टी की उर्वराशक्ति को बनाये रखने हेतु प्रोत्साहित करना है।
इस कार्यक्रम मंें कलेक्टर द्वारा कृषकों को मक्का की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया साथ ही साथ मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मौसम आधारित खेती व कृषकों को सामूहिक खेती कर संतुलित उर्वरक के प्रयोग करने , मृदा के पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाने में मृदा में उपस्थित सूक्ष्म जीवों की महत्ता को बताते हुये, रासायनिक खेती की तुलना प्राकृतिक खेती से कृषक अपने आय में वृद्धि करने की सलाह दी। सुश्री सुरुचि सिंह मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मृदा स्वास्थ्य, मृदा में कार्बन की मात्रा को बताते हुये, फसलों की सुरक्षा व कृषि कार्य में उच्च तकनिकों को अपनाने की सलाह दी। डाॅ. आर. इलनचेलियन, प्रधान वैज्ञानिक ,भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल ने राजनांदगांव जिले की मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रस्तुत किये व कृषकों को मृदा स्वास्थ्य बढ़ाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन श्रीमति सुषमा शुक्ला, कृषि विकास अधिकारी राजनांदगांव ने की।
इस कार्यक्रम के प्रारंभ में केन्द्र के प्रमुख के द्वारा केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों के बारे में अवगत कराया गया तत्पश्चात् केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ़. नूतन रामटेके ने गाय के कोसली प्रजाति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इफको रायपुर के डाॅ. एस.के.सिंह ने नैनो यूरिया, नैनो डी ए पी और एन पी के कंसोटिया के बारे में विस्तार से बताये, इसके उपयोग से रासायनिक उर्वरक की मात्रा में कमी आती है व जिससे मृदा उर्वरकता बढ़ती है। साथ ही साथ वेस्ट डी कम्पोजर के प्रयोग के बारे में जानकारी दी। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. गंुजन झा ने केन्द्र में संचालित केन्द्र सरकार की बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत 40 हे. में चना, माॅडल विलैज के अंतर्गत में 200 एकड. में सरसों, सामूहिक अग्र्रिम पंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत 75 एकड़ अलसी, व केन्द्र के प्रक्षेत्र पर बीज उप्पादन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम आदिवासी उपयोजना (टी.एस.पी.) के अंर्तगत में 300 लाभान्वित कृषकों को चना 12.60 क्वि., बरबट्टी 70 किग्रा., एवं अन्य सामाग्री का वितरण किया गया। अंत में कृषि ड्रोन तकनीकी का जीवंत प्रदर्शन कृषकों के समक्ष किया गया। इस कार्यक्रम में, कृषक एवं महिला कृषक सहित लगभग 350 लोग सम्मिलित हुयेे।
