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पुराने पुल को अधूरा तोड़कर राशि निकाली, ग्रामीण परेशान – मनोज साहू

टूटा पुल बना मुसीबत का कारण, कोई नहीं ले रहा सुध

कवर्धा। खदोड़ा खुर्द से प्रतापपुर और रवेली को जोड़ने वाला पुराना पुल, जो लंबे समय से जर्जर अवस्था में था, अब स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। लंबे इंतजार के बाद नया पुल तो बना दिया गया, लेकिन पुराने पुल को पूरी तरह से न तोड़े जाने के कारण अब यह ग्रामीणों के लिए नई समस्याएं पैदा कर रहा है। ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत की, पर समाधान अभी भी नहीं हो सका है।

अधूरा तोड़ा गया पुल, बनीं नई समस्याएं

वर्ष 2022-23 में जब नए पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ, तब साथ ही पुराने पुल को तोड़ने के लिए भी 19 लाख 98 हजार रुपये की राशि का टेंडर निकाला गया था। परंतु, पुराने पुल को केवल आधा तोड़ा गया और बाकी हिस्सा जस का तस छोड़ दिया गया, जिससे पानी का बहाव प्रभावित हो रहा है और पुल अब दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। स्थानीय ग्रामीण मनोज कुमार साहू ने बताया कि छोटे बच्चे इस अधूरे पुल से नदी में कूदते हैं, जिससे हादसों की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा, पुल का अधूरा निर्माण बारिश के मौसम में पानी के भराव का कारण बन रहा है, जिससे खेतों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है और फसलों को नुकसान हो रहा है।

आरटीआई से मिली जानकारी में चौंकाने वाले खुलासे

समस्या का हल न होते देख, मनोज कुमार साहू ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी। जब उन्होंने टेंडर राशि की जांच की, तो पता चला कि एस्टीमेट में बड़ी हेराफेरी की गई है। पहले जहां 19 लाख 98 हजार रुपये का अनुमान था, वहीं जानकारी लेने पर यह राशि घटाकर 16 लाख 46 हजार 30 रुपये कर दी गई थी। इस कटौती के कारण ही पुल का काम अधूरा छोड़ दिया गया है। मनोज साहू ने एस्टीमेट में हुई छेड़छाड़ की जांच की मांग की है और इस मामले में सख्त कार्यवाही की जरूरत बताई है।

स्थानीय प्रशासन की उदासीनता, ग्रामीणों की शिकायतें अनसुनी

ग्रामीणों ने इस अधूरे पुल को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, परंतु अब तक किसी भी स्तर पर कोई समाधान नहीं निकल पाया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है, जिससे वे लगातार परेशान हो रहे हैं। मनोज कुमार साहू ने बताया कि पुल की यह स्थिति गांव के लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन चुकी है, और इसके चलते आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।

बरसात में फसलों को हो रहा नुकसान

पुराने पुल को अधूरा छोड़ने से न केवल यातायात में दिक्कतें हो रही हैं, बल्कि बारिश के दिनों में नदी का पानी खेतों में भर जाता है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। किसान पहले ही बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं, ऐसे में पुल के अधूरे काम से उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।

जल्द समाधान की मांग

मनोज साहू और अन्य ग्रामीणों ने मांग की है कि इस अधूरे पुल को जल्द से जल्द पूरी तरह से तोड़ा जाए और पानी के बहाव को सामान्य किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके और फसलों की रक्षा की जा सके। ग्रामीणों की इस मांग को अब और अधिक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि हर गुजरते दिन के साथ उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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