✍️ लाला कर्णकान्त श्रीवास्तव
फोटो- नवनिर्मित झोला मार्ग, जिस पर किसानों ने गेट लगा रखा है
एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
जिला मुख्यालय से लगे भर्रेगांव से झोला एप्रोच रोड निर्माण में लोक निर्माण विभाग ने बड़ा झोल कर दिया है। 2 किलोमीटर लंबी इस सड़क से गांव तो जुड़ा नहीं लेकिन अफसरों ने पौने दो करोड़ रुपए जरुर फूंक दिए।
टैक्स भरने वाली भोली भाली जनता के इन रुपयों से ग्रामीणों का तो भला हुआ नहीं, लेकिन ठेकेदार और अधिकारियों की चांदी हो गई। बिना जुड़ाव की यह सड़क अब आसपास के किसानों के लिए निजी उपयोग में आ रही है। कोई घुसे न इसलिए किसानों ने मार्ग की शुरुआत में गेट भी लगा रखा है।
यह खुलासा सूचना का अधिकार के तहत हुआ है। प्राप्त दस्तावेजों के मुताबिक वर्ष 2023-24 भर्रेगांव से झोला एप्रोच रोड के लिए एक करोड़ 86 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई थी। यह सड़क शिवनाथ नदी के किनारे होते हुए झोला गांव से जुड़ती लेकिन लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर ने अधूरा सर्वे कर प्रपोजल मुख्यालय भेज दिया था। जब स्वीकृति मिली तो पता चला कि भर्रेगांव-झोला के बीच में कई किसानों के खेत आ रहे है, मुआवजा के लिए अतिरिक्त राशि जारी नहीं कि गई थी। ऐसे में अफसर को टेंडर प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए थी। लेकिन अधिकारियों ने ऐसा किया नहीं और दुर्ग के चित्रकूट कंस्ट्रक्शन को ठेका दे दिया। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बड़ी फुर्ती से फरवरी 2024 तक काम निपटा भी दिया और अधिकारियों ने बिना देरी किए ठेका कंपनी को फाइनल पेमेंट भी जारी कर दिया।
दोनों तरफ है निजी जमीन
जिस जगह पर सड़क का निर्माण किया गया है उसके दोनों तरफ सिर्फ और सिर्फ निजी जमीन है जिस पर किसान खेती करते हैं। दो-चार किसानों के अलावा उस मार्ग में कोई आता जाता नहीं है। रहा सवाल झोला गांव पहुंचने का तो कुछ ही दूरी पर भर्रेगांव क्रॉस कर वहां जाया जा सकता है। सीधे कहे तो इस मार्ग की इतनी भी जरूरत नहीं थी जिस पर अधिकारियों ने बिना किसी सर्वे के पौने दो करोड रुपए फूंक दिए। मामला गंभीर है। आगे देखते हैं कि प्रशासन के आला अफसर इस पर क्या एक्शन लेते हैं??
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