स्कूलों के पास बिक रहे नशीले पदार्थ, बच्चों को लग रही नशे की लत, कार्रवाई हो तो लग सकती है रोक
कवर्धा। स्कूलों के पास मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक होने के बाद भी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों के पास बिक्री जारी है। स्कूलों के मेन गेट पर ही दुकानें रख ली गई हैं और गुटखा, बीड़ी, सिगरेट बेचे जा रहे हैं, लेकिन इस ओर न तो शिक्षा विभाग ध्यान दे रहा है और न ही प्रशासनिक अधिकारी।
इसका नतीजा यह हो रहा है कि छोटे-छोटे बच्चे बीड़ी, सिगरेट पीने के साथ गुटखा खाने लगे हैं। अधिकांश सरकारी, निजी स्कूलों के पास लोगों ने टॉफी सहित अन्य खाद्य सामग्री बेचने के लिए दुकानें खोल रखी हैं और इन दुकानदारों ने इस सामान के साथ ही बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला, गुटखा भी रखना शुरू कर दिया है। स्कूल के दुकानें होने के कारण बच्चों में नशे की बुरी लत पडऩे लगी है। जबकि नियमानुसार स्कूल परिसर से १०० मीटर की दूरी तक मादक पदार्थ नहीं बेचे जा सकते हैं। इस संबंध में स्कूलों के बाहर भी चेतावनी लिखनी जरुरी होते हैं, लेकिन स्कूलों के बाहर यह चेतावनी नजर नहीं आती है।
जिले के स.लोहारा विकासखंड के सिल्हाटी ग्राम के पूर्व माध्यमिक शाला के विद्यार्थी गण स्कूल से लगभग पौन कि मी दुर मतारा बाड़ी के पास बिड़ी सिगरेट का धुंआ उड़ाकर अपने जिंदगी को धुंआ धुंआ कर रहे हैं, कहां हैं इस स्कूल के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक गण सवाल तो बनता है।
स्कूल के अंदर पहुंच रहे गुटखे
स्कूल के अंदर विद्यार्थी और शिक्षक कोई भी गुटखा, बीड़ी सिगरेट नहीं ले जा सकता है, इसकी निगरानी प्रधानाध्यापक, प्राचार्य को करनी होती है। इसके बाद भी स्कूलों में गुटखा पहुंच रहे हैं। जिसका उदाहरण दीवारों में गुटखा थूंकने के निशान हैं। यहां तक कि कई स्कूलों में तो शिक्षक खुद ही मुंह में गुटखा, तंबाकू भरकर बच्चों को पढ़ाते नजर आते हैं।
कार्रवाई हो तो लग सकती है रोक
यदि पुलिस प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जाए तो इन नशीले पदार्थों पर रोक लगाई जा सकती है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। कार्रवाई न होने के कारण ही दुकानों की संख्या और बढ़ती जा रही है।

Bureau Chief kawardha