फाइल फोटो
✍️ लाला कर्णकान्त श्रीवास्तव
एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल के डाइट ठेका (मरीजों को दिए जाने वाला भोजन) में बड़ा गोलमाल हुआ है। बीते वर्ष मार्च 2023 में जब ठेका हुआ तो मुख्य मेन्यू के अतिरिक्त पौष्टिक आहार व सामग्री देने वाली समिति या फर्म को कार्य देने का निर्णय लिया गया था।
महासमुंद के ठेकेदार ने मेन्यू के अतिरिक्त मरीजो को 25 से अधिक बिंदुओं में पौष्टिक आहार, सामग्री और सुविधा देने का वादा कर टेंडर हासिल किया था। अप्रैल 2023 में टेंडर शुरू होने से लेकर आज तक अतिरिक्त डाइट के अधिकांश बिंदुओं का पालन नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर कई बार शिकायत की गई लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
कायदे से मार्च 2024 में एक वर्षीय निविदा पूर्ण हो चुकी है। इसके बाद भी पिछले पांच महीने से उसी निविदा से एक्सटेंशन देकर काम लिया जा रहा है। अधिकारियों ने कहना है कि बीते महीनो में लोकसभा चुनाव आचार संहिता की वजह से नवीन टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पाई थी। आचार संहिता हटने के बाद टेंडर किया भी गया तो जिस फर्म को सलेक्ट किया गया है, उसके डॉक्यूमेंट बोगस निकल आए हैं। इसी की जांच की जा रही है जिसके चलते नए टेंडर का कार्य अटका हुआ है।
मेडिकल कॉलेज के समय सालों साल चला था ठेका
भोजन की नई निविदा को लेकर जिस तरह अधिकारी नए-नए कारण बता रहे हैं, कुछ वर्ष पहले तक ऐसे ही विभिन्न कारणों का हवाला देकर अस्पताल का डाइट ठेका सालों साल एक्सटेंशन देकर एक ही ठेकेदार से चलवा दिया गया था। उस समय बसंतपुर जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज अस्पताल संयुक्त रूप से संचालित हो रहा था। एक ही ठेकेदार को लंबी अवधि तक ठेका एक्सटेंशन देने के पीछे प्रबंधनीय अधिकारियों के ऊपर कई गंभीर आरोप भी लगे थे। उस समय प्रशासन की ओर से मामले में किसी तरह का एक्शन नहीं लिया गया। अब एक बार फिर इसी नियम विरुद्ध कार्य को दोहराया जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करती है।
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