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कांग्रेस की गौ सत्याग्रह में पशु क्रूरता अधिनियम का खुला उल्लंघन, आंदोलन के लिए ठूंस ठूंसकर पिकप में भरे गए मवेशी

कवर्धा। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस लगातार किसी न किसी तरीके से सरकार को घेरने में लगी हुई है। वहीं कांग्रेस ने खुलेआम घुमते आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय गौ सत्याग्रह प्रारंभ किया है। इसी कड़ी में आज कांग्रेसियों ने आवारा घूमने वाली पशुओं को लेकर जिले के चारों विकासखंड कवर्धा, पंडरिया, बोड़ला और स.लोहारा में गौ सत्याग्रह के तहत आंदोलन किया।

कबीरधाम जिले में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष होरीराम साहू की अगुवाई में ये सत्याग्रह का आगाज हुआ। कांग्रेसी पिकप में आवारा पशु को लेकर एसडीएम कार्यालय कवर्धा पहुंचकर आंदोलन प्रदर्शन करना था चूंकि पुलिस बैरीगेटिंग के कारण SDM कार्यालय नहीं पाए और बीच सड़क पर ही प्रदर्शन किया। लेकिन देखने वाली बात ये रही कि सत्याग्रह के दौरान कवर्धा नगर में आवारा पशु दिखाई नहीं दिए। नगर में पशुओं के अभाव में कांग्रेसियों को सत्याग्रह के लिए आसपास के गांवों से आवारा पशु पिकप में लोड करके लाना पड़ा। घंटों तक चलने वाली इस गौ सत्याग्रह में पशुएं राजनीति का शिकार होती नजर आई। पिकप में लोड इन पशुओं को कई घंटों तक गाड़ियों में लोड करके रखा गया इस दौरान उन्हें पानी चारा देने वाला भी कोई नहीं था नतीजतन लाए गए कई पशु बीमार हो गए। पिकप में ठूंसकर भरने के कारण एक कमजोर पशु कई अन्य पशुओं के नीचे आने के कारण मृत अवस्था में आ गई जिसे आनन फानन में पशु चिकित्सालय पहुंचाया गया।

गौ सत्याग्रह में प्रिवेंशन ऑन क्रूशियल एनिमल एक्ट का हुआ उल्लंघन

कवर्धा विशेषचर्चा में है छत्तीसगढ़ प्रादेशिकहाईलाइट्स
कांग्रेस की गौ सत्याग्रह में पशु क्रूरता अधिनियम का खुला उल्लंघन, आंदोलन के लिए ठूंस ठूंसकर पिकप में भरे गए मवेशी

गौ सत्याग्रह में प्रिवेंशन ऑन क्रूशियल एनिमल एक्ट का हुआ उल्लंघन

कांग्रेस की इस गौ सत्याग्रह में आज प्रिवेंशन ऑन क्रूशियल एनिमल एक्ट 1960 की धारा 11(1) का खुला उल्लंघन होता नजर आया। सत्याग्रह के लिए पिकप से लोड करके लाए गए गायों को लंबे समय तक वाहन में लोड करके उन्हें भूखा प्यासा रखा गया जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा। भारतीय संविधान की प्रिवेंशन ऑन क्रूशियल एनिमल एक्ट 1960 की धारा 11(1) कहती है कि पालतू जानवर को छोड़ने, उसे भूखा रखने, कष्ट पहुंचाने, भूख और प्यास से जानवर के मरने पर आपके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है। इस पर आपको 50 रुपए का जुर्माना हो सकता है। अगर तीन महीने के अंदर दूसरी बार जानवर के साथ ऐसा हुआ तो 25 से 100 रुपए जुर्माने के साथ 3 माह की जेल हो सकती है। इसी प्रकार एनिमल एक्ट 1960 की धारा में किसी भी जानवर को परेशान करना, छेड़ना, चोट पहुंचाना, उसकी जिंदगी में व्यवधान उत्पन्न करना अपराध माना है। ऐसा करने पर 25 हजार रुपए जुर्माना और 3 साल की सजा हो उल्लेख है।

कांग्रेसियों के इस गौ सत्याग्रह में बीमार गायों को पिकप में ठूंस ठूंसकर भरने और बर्बरतापूर्वक जानवरों से व्यवहार करने को लेकर बीजेपी और हिन्दू संगठन के लोग अब कांग्रेसियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया में कई समाजसेवी संगठन के पदाधिकारी और पशु कल्याण समिति के लोग इस कृत्य की निंदा कर रहे हैं।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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