फोटो: जीवित शव यात्रा निकालने की सूचना के बाद से पुलिस रितेश और उसके परिवार को निगरानी में रखी हुई थी।
एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
संजीवनी हॉस्पिटल वर्सेस विद्या सागोड़े मामले में आए दिन शिकायत और विरोध प्रदर्शन हो रहे है। हालांकि प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद विरोध प्रदर्शन को किसी ने किसी तरह टाला जा रहा है। शनिवार को पूर्व निर्धारित योजना अनुसार पीड़ित विद्या सांगोड़े की जीवित शव यात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी थी। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए विद्या के घर के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी। इससे पहले की परिजन विरोध प्रदर्शन शुरू करते कलेक्टर और सीएमएचओ ने यथासंभव मदद करने का आश्वासन देखकर प्रदर्शन को स्थगित करवा दिया।
पीड़ित महिला के पति व शिकायतकर्ता रितेश सांगोड़े ने बताया कि अफसर द्वारा आश्वासन मिलने की जानकारी उन्हें फोन पर दी गई। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शन स्थगित कर दिया। रितेश ने बताया कि विद्या का किडनी ट्रांसप्लांट किया जाना है। इसकी दस्तावेजी प्रक्रिया काफी लंबी है, काफी रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले जो डॉक्यूमेंट सबमिट किए गए थे, उसे रायपुर के निजी अस्पताल प्रबंधन की ओर से कमी बता कर निरस्त कर दिया गया है। अब वे दोबारा डॉक्यूमेंट बना रहे हैं। प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया है कि डॉक्यूमेंट बनाने में आने वाले खर्च के लिए और ट्रांसप्लांट के लिए उन्हें राशि स्टेप बाय स्टेप उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं राज्य स्तरीय जांच टीम की रिपोर्ट दो दिनों के भीतर आने की जानकारी अफसर द्वारा दी गई है। जिसके बाद विरोध प्रदर्शन स्थगित किया गया।
हम अपनी तरफ से पूरी मदद कर रहे हैं: सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. एनआर नवरतन ने बताया कि विद्या के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की कोशिश की जा रही है। डॉक्यूमेंट निर्माण व अन्य खर्चो के लिए प्रशासन की ओर से राशि स्वीकृत करने का आश्वासन दिया गया है। रहा सवाल राज्य स्तरीय जांच रिपोर्ट की तो वह डायरेक्टरेट हेल्थ में सबमिट कर दी गई है। मंगलवार तक रिपोर्ट आ जाना चाहिए। गौरतलब है कि पत्नी विद्या के इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर शिकायतकर्ता रितेश ने संजीवनी अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिला स्तरीय जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद रितेश ने राज्य स्तरीय जांच करवाने की मांग की थी, जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।
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