लाला कर्णकान्त श्रीवास्तव
एक्स रिपोर्टर न्यूज । राजनांदगांव
शासकीय शराब दुकानों से निकलकर जिले भर में गली-गली में अवैध रूप से बिक रही शराब के सबसे बड़े सरगना का खुलासा हुआ है। शासकीय शराब दुकानों के सेल्समैन द्वारा किए गए लिखित शिकायत और आरोपो के तहत इस गोरख धंधे के सबसे बड़े किरदार के तौर पर अमित मिश्रा का नाम सामने आया है। अमित वह व्यक्ति है जो जिले भर की शराब दुकानों में संचालन के लिए युवकों की नियुक्ति करते है। यह जिम्मा उसे पुणे की सुमित फैसेलिटीज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से बात लोकेशन ऑफिसर दी गई है। लेकिन इस जिम्मेदारी की आड़ में अमित के कारनामे काफी बड़े और गैरकानूनी है। अमित मिश्रा का नाम सबसे पहले तब सामने आया था जब लॉकडाउन के वक्त शराब की ऑनलाइन डिलीवरी के दौरान चौक चौराहा पर शराब की पेटियां रखकर डिलीवरी की जा रही थी। उसे दौरान जब शराब दुकान में कार्यरत निजी कंपनी के इन कर्मचारियों से सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा था कि अमित मिश्रा के कहे जाने पर ही उन्होंने इस तरह से शराब डिलीवरी का कार्य किया। इसके बावजूद अमित मिश्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा बयान देने वाले युवकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अमित मिश्रा के खिलाफ शिकायतों का लंबी फेहरिस्त है। इसमें सबसे गंभीर यह है कि लोकेशन ऑफिसर अमित मिश्रा और शराब कोचियों के बीच साठगांठ। हमें सूचना के अधिकार के तहत अमित मिश्रा के खिलाफ पर्याप्त सबूत और दस्तावेज मिले हैं। अमित के इशारों पर ही सरकारी शराब दुकानों से कोचियों को शराब की बड़ी खेप उपलब्ध हो पाती है। इस एवज में शराब की हर पेटी के पीछे 200 से 500 रुपए का कमीशन फिक्स है। कोचियो को पहले यह पैसा अमित के पास पहुंचाना होता है जिसके बाद शराब दुकान से उन्हें बड़ी तादाद में शराब मिल पाती है। इस पूरे गोरख धंधे को अमित किसी माफिया की तरह चलाते है। यह सिलसिला लंबे वक्त से चल रहा है। बड़ी बात यह है कि अमित के इस गोरख धंधे से शराब दुकान के कर्मचारी हमेशा दहशत में रहते हैं। अगर वह अमित की बात नहीं सुनते हैं तो उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी मिलती है। कई कर्मचारी इस विरोध के नतीजे झेल भी चुके हैं।
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