एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
जन समस्या निवारण शिविर में जगह-जगह घूमकर शिकायती पर्चे बटोरने वाले जिला प्रशासन और उनके अफसरो की कार्यप्रणाली वाकई तारीफ के काबिल है! जिले का तो पता नहीं लेकिन जिला मुख्यालय की समस्या अभी भी जस के तस है। बात ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया अतिक्रमण मामले की है। इस मामले को लेकर 6 महीना पहले यानी सितंबर 2023 में लिखित शिकायत की गई थी। तब से लेकर अब तक जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं लेकिन आज तक इंडस्ट्रियल एरिया में अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों का बाल भी बांका नहीं कर पाए। यह तो कुछ भी नहीं, हद तो तब हो गई जब अतिरिक्त समय देने के बहाने मामले में घिरे व्यापारियों को दस्तावेजों को पुख्ता करने का मौका दिया जाता रहा। अब हाल यह है कि जिस व्यापारी के लीज निरस्तीकरण को लेकर आदेश पहले ही दिया जा चुका है अब उसे बहाल करने की विभागीय तैयारी की जा रही है।
आपको बता दे कि तमाम समाचार और शिकायत के बाद भी उद्योग विभाग के अफसर ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया मामले में संतुष्टिपूर्ण कार्रवाई नहीं कर पा रहे है। नियम विरूद्ध कार्य करने के चलते हाल ही में हिना प्लास्टिक का जमीन लीज पंजीयन तो निरस्त कर दिया गया है, लेकिन जगह खाली करवाने के लिए अफसरों के हाथ कांप रहे हैं। अब इसी व्यापारी को कार्रवाई से बचाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।
वर्षों से मनमानी कर रहे हैं व्यापारी
शहर के सबसे पॉश इलाके में स्थित ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया में वर्षों से उद्योगपतियों की मनमानी हावी है। इस मामले को लेकर लगातार समाचार प्रसारित करने और फिर शिकायत करने के बाद भी अफसर इस ओर कार्रवाई के लिए ध्यान नहीं दे रहे है। इस मामले को लेकर लिखित शिकायत वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के अलावा कलेक्टर, एसडीएम, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक और औद्योगिक स्वास्थ एवं सुरक्षा विभाग के उप संचालक को दी जा चुकी है। शिकायत में बताया गया कि राजनांदगांव ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया में सरकारी लीज भूमि पर वर्षों से काबिज उद्योगपतियों की मनमानी चरम पर है। लीज के नियम शर्तों को दरकिनार कर उद्यमियों ने उक्त भूमि पर मकान, शोरूम और गौठान बना रखा है। यही नहीं भूमि को किसी दूसरे उद्यमी को किराए पर देकर लीज धारक मोटा किराया वसूल रहे हैं। शहर के सबसे पॉश कालोनी में प्लास्टिक दाना फैक्ट्री का संचालन बिना किसी फायर सेफ्टी के किया जा रहा है, अन्य फैक्ट्रियों का भी यही हाल है, जिससे भविष्य में अनचाही घटना होने की आशंका बनी हुई है।
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