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एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

स्वास्थ विभाग के निगरानी के अभाव में नियम कायदो को ताक पर रखकर शहर सहित जिलेभर में संचालित निजी अस्पतालों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रबंधन द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर आए दिन शिकायतें सामने आ रही है। मामला तब और गंभीर हो जाता है जब इलाज में कोताही बरतने से किसी मरीज की जान पर बन आए। ऐसा ही एक मामला शहर के चिखली इलाके में संचालित संजीवनी अस्पताल का सामने आया है। अमूमन विवादों से घिरे रहने वाले संजीवनी अस्पताल प्रबंधन पर हफ्ते में दो बार डायलिसिस पर जीवित रहने वाले महिला के पति ने गंभीर आरोप लगाए है। बुधवार को कलेक्टर और सीएमएचओ को लिखित शिकायत कर पति ने बताया कि प्रसव के दौरान बरती गई लापरवाही की वजह से उसकी पत्नी के शरीर के मल्टी आर्गन डेमेज हो चुके है।

शिकायतकर्ता रितेश सागोड़े पिता श्याम लाल सागोड़े निवासी अछोली, डोंगरगढ़ ने लिखित शिकायत पत्र में बताया कि उसकी पत्नी विद्या सागोड़े जिसे प्रसव के लिए संजीवनी हॉस्पिटल, राजनांदगाव में भर्ती किया था। 16/10/2023 को ओपरेशन हुआ। कुछ देर बाद मेरी पत्नी विद्या को बहुत ज्यादा दर्द होने लगा, तो एक सिस्टर के द्वारा दर्द का इंजेक्शन दिया गया। इंजेक्शन देने के बाद शाम को पत्नी का शरीर काला पड़ने लगा और बाथरूम बंद हो गया। डॉक्टर ने सोनोग्राफी करवाने की सलाह दी। सोनोग्राफी में कुछ नही निकला। फिर बोले पत्नी का पेट्लेट घट गया है। रेफर करना पड़ेगा।

झूठ बोलकर एम्स में किया रेफर
एम्स में रेफर किया गया। लेकिन एम्स के डॉक्टर ने इससे इनकार किया। तब ड्रायवर ने दो हजार लेकर पत्नी को ममता हॉस्पिटल रायपुर छोड़ा। वहाँ 48 घंटे के बाद हार मानकर रेफर किया गया। फिर N. M. नारायणा में लेकर गए। वहां 14 दिनों तक इलाज चलने के बाद जब सभी ने हाथ खड़े किये तो हम एम्स आ गये। एम्स आने के बाद जब इलाज चालू हुआ तब पता चला कि डिलवरी के समय ओपरेशन के बाद की गई लापरवाही के कारण ही सारी दिक्कतें हुई हैं। लीवर इंफेक्शन, किडनी इंफेक्शन, लंग्स में इंफेक्शन, डेंगू, पीलिया, पसलियों में पानी भरना, हार्ट का प्रॉब्लम, खून कम होना, पेट्लेस का कम होना आदि।

कर्ज में डूबा परिवार
रितेश ने बताया कि वह रोजी करने वाला व्यक्ति है। सारा कुछ बेचने के बाद तीन हॉस्पिटल में इलाज करने के बाद तीनो प्रायवेट हॉस्पिटल में लाखो रुपये लगा देने के बाद पत्नी को पूरी जिंदगी डायलिसिस में जिन्दा रखने मजबूर हूं। मेरी 2 माह और 8 साल की दो बच्ची है। पत्नी के अस्वस्थ होने के कारण उनका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है। रितेश ने कहा कि उसकी पत्नी का जो हाल है वह सिर्फ और सिर्फ संजीवनी हॉस्पिटल प्रबंधन और वहां के डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा है। इसलिए मामले की जांच कर संजीवनी अस्पताल के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाए। साथ ही मुझे मेरी पत्नी के इलाज के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान की जाए।

 

सोशल मीडिया में वायरल हुआ था वीडियो
बता दें कि शिकायकर्ता ने इससे पहले सोशल मीडिया में वीडियो वायरल किया था। जिसमें उसने अपनी आपबीती बताई थी। वीडियो में रितेश ने बताया कि वे इससे पहले कलेक्टर व प्रशासन के अन्य अधिकारियों के पास शिकायत लेकर पहुंचे थे, लेकिन उनकी शिकायत अस्वीकार्य कर दी गई। इससे वे काफी दुखी हो गए और आत्मदाह करने की बात कही थी।

मामला गंभीर, सख्त कार्रवाई करें प्रशासन: मनोज निर्वाणी
भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक मनोज निर्वाणी ने कहा कि ऑपरेशन में लापरवाही बरतने का मामला गंभीर है। डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से मरीज की जान खतरे में आ चुकी है। संजीवनी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की जरुरत है। लिखित शिकायत के बाद भी प्रशासन मामले में कार्रवाई नहीं करती तो सीएम से शिकायत की जाएगी।

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जल्द टीम बनाकर जांच कराएंगे: सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. एसके बंसोड़ ने कहा कि ऑपरेशन में लापरवाही बरतने को लेकर परिजन द्वारा संजीवनी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लिखित शिकायत की गई है। मामले की जांच के लिए जल्द ही टीम गठित की जाएगी। जांच के बाद ही कार्रवाई की दिशा तय हो पाएगी।
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