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*एसएमसी,एसएमडीसी व पालकों के उन्मुखीकरण के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण सम्पन्न*

रायपुर। राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के द्वारा राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अकादमिक सहयोग से स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव राजेश सिंह राणा व समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक इफ्फत आरा के मार्गदर्शन में राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों का दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संसाधन केंद्र निमोरा रायपुर में 3 एवं 4 अक्टूबर को संपन्न हुआ |

प्रथम दिवस में उद्घाटन सत्र के उपरांत औपचारिक सत्र आखर अंजोर कार्यक्रम पर दिनेश टांक सहायक संचालक रा.सा.मि.प्रा. ने मनोरंजक व सहज ढंग से प्रतिभागियों को विस्तार में जानकारी दी | द्वितीय,तृतीय व चतुर्थ सत्र में श्रेष्ट पालकत्व का महत्त्व एवं एसएमसी की भूमिका , इस हेतु तैयार सामग्रियों का गतिविधि आधारित उपयोग तथा एसएमसी बैठक में विभिन्न सत्रों का सञ्चालन समूह वार कैसे किया जाना है इन विषयों पर डॉ मनीषा वत्स ने सारगर्भित जानकारी दी |

द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में प्रतिभागियों के द्वारा प्रथम दिवस में की गई चर्चा पर केन्द्रित संक्षिप्त प्रतिवेदन किया | तदुपरांत दिनेश टांक ने विषयों पर केन्द्रित रोचक व प्रेरक गीतों के माध्यम से कैसे महत्वपूर्ण संदेशों को सहजता के साथ लोगों तक पहुचाया जा सकता है इसकी व्यवहारिक प्रस्तुति दी | डॉ मनीषा वत्स ने श्रेष्ट पालकत्व हेतु तैयार कैलेंडर का संक्षेप में प्रस्तुतीकरण किया तथा छोटी-छोटी गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों के द्वारा अर्जित ज्ञान का त्वरित मूल्यांकन किया | इसके उपरांत शाला प्रबंधन समिति की संरचना एवं समितियों में सदस्यों व अन्य लोगों की सहभागिता को लेकर डॉ चुन्नीलाल शर्मा ने पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया |

इसके उपरांत राज्य कार्यालय समग्र शिक्षा के सहायक संचालक अजय पिल्ले ने पहले कुछ प्रतिभागियों से अब तक के प्रशिक्षण में उन्होंने क्या सीखा इसकी जानकारी ली तथा बताया कि यदि पालक काम से लौट कर अपने बच्चों से सिर्फ इतना पूछ ले कि उन्होंने स्कुल में आज क्या किया , क्या सीखा | यह भी बहुत कारगार उपाय है | अगले तकनीकी सत्र में सहायक संचालक डॉ एम सुधीश ने शाला प्रबंधन समिति का परिचय देते हुए इनके महत्त्व पर प्रकाश डाला तथा इस हेतु तैयार सामग्रियों के व्यवहारिक एवं प्रभावी उपयोग को लेकर तथ्य परक जानकारी प्रतिभागियों को प्रदान की | अगले सत्र में दिनेश टांक ने शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों को कैसे प्रेरित किया जा सकता है इसे उदहारण एवं गीतों की सहायता से समझाया | डॉ रश्मि सिंह ने शाला प्रबंधन समिति की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए इस क्षेत्र में राजनांदगांव जिले में किये गए सफल नवाचार की चर्चा करते हुए प्रतिभागियों को बताया कि कैसे जनभागीदारी से शालाओं के परिवेश एवं शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है , इससे अवगत कराया |

शाला प्रबध समिति पर प्रतिभागियों के अनुभव को लेकर डॉ मनीषा वत्स ने सार्थक चर्चा की | तदुपरांत महासमुंद के डीपीओ रेखराज शर्मा ने आगामी प्रशिक्षण योजना पर प्रकाश डाला तथा शाला प्रबंधन विकास समिति के उद्देश्यों एवं इन्हें सक्रिय बनाने हेतु प्रस्तुतीकरण दिया | इस प्रशिक्षण के पश्चात राज्य स्त्रोत व्यक्तियों के द्वारा जिला स्तर पर विकासखंड के संकुल समन्वयकों व स्त्रोत व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एच पी शर्मा , सहायक संचालक , गिरिजा पाटले सहा.कार्यक्रम समन्वयक का विशेष सहयोग रहा।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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