कर्णकान्त श्रीवास्तव
एक्स रिपोर्टर न्यूज । राजनांदगांव
कलेक्टोरेट के सौंदर्यकरण के नाम पर इनदिनों मनमाने ढंग से फिजुल खर्ची कर जनता के पैसो का दुरुपयोग किया जा रहा है। कुछ महीने पहले जरुरत न होते हुए भी साबूत मार्बल के ऊपर ही महंगा टाइल्स बिछा दिया गया और अब कार्य परिसर में बची खुची हरियाली हटाकर बैडमिंटन कोर्ट बनवाया जा रहा है। जबकि कलेक्टोरेट से निकलते ही नेशनल हाइवे के दूसरी तरफ करोड़ों रुपए की लागत से नया रूप ले चुके महंत राजा दिग्विजय दास स्टेडियम में दो से अधिक कोर्ट मौजूद है। अब यहां यह समझ में नहीं आ रहा है कि अधिकारी कलेक्टोरेट में काम करने आते है या फिर खेलने।
वैसे भी जब से राज्य शासन ने रविवार के साथ शनिवार को भी अवकाश घोषित कर दिया है तब से सरकारी दफ्तरों में काम कम ही हो रहा है, शायद यही वजह है कि अफसरों को जिला कार्यालय में बैडमिंटन कोर्ट बनाने का ख्याल आया होगा।
बीते कुछ महीनों में कलेक्टोरेट में काफी बदलाव और निर्माण हो चुके है। हालांकि जहां जरुरत है वहां कार्य होना बाकी है। कलेक्टोरेट पहुंच मार्ग के शुरुआत में दो द्वार बना दिए गए है। अक्सर मुख्य द्वार के पास तैनात गार्ड के लिए छोटा कमरा तैयार किया जाता है। ताकि धूप, बारिश के समय गार्ड कमरे में रहकर आने जाने वालों पर नजर रखने एवं अधिकारियों के निकलते समय गेट खोलने और बंद करने का काम आसानी से कर सके। लेकिन राजनांदगांव जिला कार्यालय के मुख्य द्वार निर्माण के दौरान काबिल सरकारी इंजीनियर ये बात भूल गए। नतीजा अब गार्ड दौड़-दौड़ अपनी चर्बी घटा रहे है।
मॉनिटरिंग ऑफिस के नाम पर पहली मंजिल के तीनों गलियारे बंद
विधानसभा चुनाव नजदीक है। जिला प्रशासन तैयारियों में जुट चुकी है। हर बार की तरह इस बार भी ऐतिहासिक चुनाव कराने की तैयारी है। इसके लिए नए-नए उपाय किए जा रहे है। इसी नवाचार के बीच कलेक्टोरेट के पहली मंजिल के सामने के तीनों गलियारे को प्लाईवुड से बंद कर दिया गया है। बता दें कि कलेक्टोरेट की निचली मंजिल की तरह पहली मंजिल के गलियारे आपस में जुड़े हुए है। एक बार ऊपर चढ़ने पर अधिकारी, कर्मचारी और आम लोग, आबकारी, उद्यानिकी, आदिवासी विकास, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागीय कार्यालय में जा सकते है। लेकिन गलियारे को बंद करने से लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सभी को पीछे वाले गेट से ऊपर चढ़कर विभागीय दफ्तर पहुंचना पड़ रहा है। इसी के चलते पहली मंजिल पर आधार अपडेशन का काम भी बंद कर दिया गया है। कुछ अधिकारी और कर्मचारी की माने तो पूर्व की तरह कम्पोजिट बिल्डिंग के हॉल में ही मॉनिटरिंग ऑफिस सेट किया जा सकता था, इससे गलियारा बंद करने की नौबत नहीं आती। लेकिन यहां दूसरों की सुनता कौन है।
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