IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव/डोंगरगढ़

फाइनल रिपोर्ट आने के बाद उसना राइस मिल और प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री मामले की प्रशासनिक जांच खुद सवालों के घेरे में आ चुकी है। इस मामले को लेकर एसडीएम का अंतिम और गैर जिम्मेदाराना जवाब सुनकर आप खुद भी दंग रह जाएंगे। डोंगरगढ़ एसडीएम गिरीश रामटेके ने कहा कि प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री और उसना राइस मिल अभी तैयार नहीं हुई है। उनके बनने के बाद प्रदूषण होता है तो तब के तब देखा जाएगा। अभी हमारी ओर से उक्त फैक्ट्री को क्लीन चिट दे दी गई है। दूसरी ओर प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री को एनओसी कैसे दी गई, इसको लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। बीते 27 अगस्त को ग्राम पंचायत कल्याणपुर में हुई आसपास के 10 गांव के ग्रामीणों की बैठक में चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा हुआ है। बैठक उपस्थित पंचों ने बताया कि ग्राम पंचायत सरपंच और उपसरपंच ने एनओसी के लिए फर्जी प्रस्ताव तैयार किया था। पंचो और ग्रामीणों की माने तो उन्होंने प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री को एनओसी नहीं देने का मत दिया था। दूसरे दिन फिर बैठक आयोजित करके सरपंच पति और उपसरपंच ने गांव के प्राइमरी स्कूल के समीप मधुमक्खी छाते से लदे पेड़ को कटवाने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया था। इसके अलावा और किसी मसले पर चर्चा नहीं हुई थी। सरपंच पति और उपसरपंच ने रजिस्टर में पेड़ कटवाने के मामले के नीचे प्लास्टिक फैक्ट्री को एनओसी दिए जाने का फर्जी नोट शीट तैयार कर दिया और इस तरह फैक्ट्री को एनओसी दे दी गई।

बुलाने पर भी नहीं पहुंचे सरपंच और उपसरपंच

27 अगस्त को बैठक के दौरान सरपंच और उप सरपंच को भी बुलावा भेजा गया। लेकिन वे नहीं आए। बाद में जनप्रतिनिधियों ने अपनी मनमानी कबूल की। फर्जी एनओसी देने का खुलासा होने के बाद से सरपंच और उप सरपंच के प्रति ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा उपसरपंच के खिलाफ पंचायत में होने वाले अन्य कार्यों में अनियमितता बरतने का आरोप भी लगाया गया है।

शिवनाथ नदी में आकर मिलता है पानी

ग्रामीणों ने बताया कि प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री और उसना राइस मिल स्थानीय नदी से लगकर बने हैं। भविष्य में इन फैक्ट्री से निकलने वाला गंदा पानी इसी नदी में छोड़ा जाएगा जिससे जलीय वातावरण दूषित होने के साथ ही लोगों को निस्तार की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। ग्रामीणों की माने तो कल्याणपुर से होकर गुजरी नदी आगे जाकर राजा भानपुरी और फिर आगे जीवन दायनी शिवनाथ नदी में मिलती है। इसलिए फैक्ट्री के निर्माण पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।

City reporter@राजनांदगांव/डोंगरगढ़: प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री और उसना राइस मिल मामले की जांच ठंडे बस्ते में, राजस्व विभाग की भूमिका संदेहास्पद, मौका निरीक्षण के बाद अग्रिम कार्रवाई करना भूले अफसर, इधर मामले की शिकायत केंद्रीय मंत्री से…

10 गांव के ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय का किया था घेराव

गौरतलब है कि बीते 26 जून को 10 गांव के ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए डोंगरगढ़ एसडीएम कार्यालय का घेराव किया था। यहां ग्रामीणों ने लिखित शिकायत कर मामले में कार्रवाई करने की मांग की थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि शासन प्रशासन इस मामले में न्याय संगत कार्रवाई नहीं करती तो वह हाईकोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाएंगे। शिकायत करने के बाद भी काफी दिनों तक राजस्व अफसरों ने मामले की जांच और कार्रवाई में दिलचस्पी नहीं दिखाई। मीडियाकर्मियों के कहे जाने पर मामले की जांच तो कराई गई लेकिन नतीजा शून्य रहा। राजनीतिक दबाव के चलते प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री और उसना राइस मिल को क्लीन चिट दे दी गई।
******

error: Content is protected !!