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एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव

ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया में सरकारी भूखंड के आवंटन में भी जमकर मनमानी की गई है। यहां एक ही उद्योगपति और उसके परिजनों के नाम एक से अधिक भूखंड का आवंटन कर दिया गया है। जबकि नियम अनुसार एक उद्योगपति को केवल एक ही भूखंड का आवंटन किया जाना है। मनमानी को छुपाने के लिए फैक्ट्री का नाम और व्यापार बदल दिया गया है।
सूचना का अधिकार से प्राप्त दस्तावेज के मुताबिक 55 उद्योगों के लिए ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया में सरकारी जमीन को लीज पर दिया गया है। इसमें से ज्यादातर उद्यमी एक ही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कौड़ियों के भाव में लीज पर मिली जमीन को किराए पर चढ़ाकर उद्यमी बिना मेहनत रुपए छाप रहे हैं। कुछ ने तो जमीन पर मकान ही बना लिया है। प्रशासन मामले को लेकर गंभीरता दिखाएं और सही तरह से ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया की जांच हुई तो चौंकाने वाले खुलासे होंगे।

Investigative reporter@राजनांदगांव: अमानत में खयानत; शहर के सबसे पॉश इलाके में 99 साल की लीज पर मिली सरकारी जमीन किराए पर, फैक्ट्री की जगह बन गए मकान, काम चालू है या बंद, यह भी नहीं मालूम, भौतिक सत्यापन से बना रखी है दूरी, वर्षों से कुम्भकर्णी नींद में है उद्योग विभाग…

वर्ग फीट के हिसाब से आ रही सौदेबाजी की खबर

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया की जमीन को वर्ग फुट के हिसाब से बेचा जा रहा है। खबर कितनी सच है यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन इसके पीछे षड्यंत्र काफी रोचक है। सरकारी नियम का पेंच समझकर वर्तमान में काबिज उद्यमी किसी दूसरी पार्टी को जमीन हस्तांतरित कर सकते हैं। इसके एवज में सामने वाली पार्टी से मोटी रकम की डिमांड की जा सकती है। वर्तमान में ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया की जमीन काफी कीमती है, इसे ऊंचे दाम पर लेने के लिए लोगों की होड़ मची हुई है, भले जमीन लीज पर क्यों ना हो। उद्योग विभाग को क्या उन्हें तो बस डॉक्यूमेंट से मतलब है इसके पीछे क्या खेल हो रहा है इसे जानने अफसर को फुर्सत ही नहीं है।

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