एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव/डोंगरगढ़
शिकायत के बाद भी प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री और उसना राइस मिल मामले की जांच में देरी ने डोंगरगढ़ राजस्व अमले की कार्यप्रणाली को संदेह के दायरे में ला दिया है। साफ जाहिर हो रहा है कि सत्ता पक्ष के नेताओं के दबाव में कार्रवाई को टाला जा रहा है। बीते दिनों राजस्व अधिकारियों ने मौका निरीक्षण तो किया, लेकिन इसके बाद की जाने वाली अग्रिम कार्रवाई अभी तक लंबित है। कुल मिलाकर देखा जाए तो मामले को ठंडे बस्ते में डालने की पुरजोर तैयारी की जा रही है। इधर शिकायकर्ताओं ने मामले की शिकायत केंद्रीय जल संसाधन और पर्यावरण मंत्री से कर दी है।
प्लास्टिक रिसायकल फैक्ट्री और उसना राइस मिल के खिलाफ आसपास गांवों के ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है।
यही वजह है कि राजस्व अधिकारियों के द्वारा मौका निरीक्षण करने के दौरान काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। वहां पहुंचे मीडियाकर्मियों को भी सभी ने एक स्वर में बयान दिया कि दोनों फैक्ट्रियां बंद होनी चाहिए, क्योंकि इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट से नदी प्रदूषित होगी और जन, जल और वन जीवन प्रभावित होगा। गौरतलब है कि बीते 26 जून को 10 गांव के ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए डोंगरगढ़ एसडीएम कार्यालय का घेराव किया था। यहां ग्रामीणों ने लिखित शिकायत कर मामले में कार्रवाई करने की मांग की थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि शासन प्रशासन इस मामले में न्याय संगत कार्रवाई नहीं करती तो वह हाईकोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाएंगे। शिकायत करने के बाद भी काफी दिनों तक राजस्व अफसरों ने मामले की जांच और कार्रवाई में दिलचस्पी नहीं दिखाई। मीडियाकर्मियों के कहे जाने पर मौका निरीक्षण तो कराया गया लेकिन अग्रिम कार्रवाई अभी भी लंबित है। ऐसे में जिला प्रशासन के आला अफसरों को चाहिए कि वे मामले को स्वत: संज्ञान में लेकर यथाशीघ्र जांच और कार्रवाई करवाएं।
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