कर्णकान्त श्रीवास्तव
एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल में कुछ महीने पहले शुरू हुई निशुल्क डायलिसिस सेवा पर जल्द ही ग्रहण लग सकता है। शासन स्तर पर अटके करोड़ों रुपए के भुगतान को लेकर ठेका कंपनी और स्वास्थ्य संचालनालय आमने-सामने आ चुके हैं। ऐसे में कंपनी ने नोटिस जारी कर साफ शब्दों में कह दिया है कि उनके पास मेडिकल सामग्री खरीदने के लिए पैसे नहीं है, आने वाले समय में डायलिसिस सेवा बंद हो सकती है। कंपनी के नोटिस से स्थानीय स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है। यदि डायलिसिस सेवा बंद हो जाएगी तो जिले के दूरदराज से आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आर्थिक दिक्कत भी उठानी पड़ सकती है।
इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए अफसरों को जल्द से जल्द मामले को सुलझाना चाहिए। बता दें कि डायलिसिस कराने में काफी रुपए लगते हैं डायलिसिस करवाने के लिए मरीजों को दुर्ग भिलाई और रायपुर तक सफर करना पड़ता है। इसमें समय और रुपए दोनों की बर्बादी होती है।
आलाकमान को सूचित करने के बजाए जुगाड़ में लगे हैं स्थानीय अफसर
चुकी मामला संचालनालय से जुड़ा है इसलिए स्थानीय अफसरों को चाहिए कि वह डायरेक्टर को सूचित करें और जल्द से जल्द कंपनी के मसले को सुलझाने की मांग करें। लेकिन यहां दूसरा ही जुगाड़ लगाया जा रहा है। स्थानीय अधिकारी डायलिसिस में लगने वाले सामग्री की खरीदारी की योजना बना रहे हैं। यदि खरीदी की जाती है तो अतिरिक्त शासकीय राशि खर्च होगी। जबकि ठेका कंपनी को प्रत्येक डायलिसिस केस के हिसाब से भुगतान किया जाता है जिसमें तमाम सुविधाओं के साथ मेडिकल सामग्री भी शामिल है।
साल 2018 से है अनुबंध, 3 महीने से अटका है भुगतान
इस मामले को लेकर जब ठेका कंपनी के स्टेट हेड रूपायन मिश्रा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि अनुबंध के बाद साल 2018 से उनकी कंपनी छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रही है। वर्तमान में 23 जिलों में निशुल्क डायलिसिस सेवा दी जा रही है। प्रत्येक डायलिसिस के बदले परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय से 954 रुपए दिया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले मार्च महीने से संचालनालय स्तर पर कंपनी का भुगतान अटका कर रखा गया है। लंबित राशि करोड़ों में है। लगातार संपर्क और पत्राचार करने के बावजूद बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। कंपनी आर्थिक दिक्कत में है। मेडिकल सामग्री खरीदने के लिए भी पैसे नहीं है इसलिए सर्वसाधारण की सूचना के लिए नोटिस जारी किया गया है।
वर्तमान ठेका कंपनी के कार्य में शिकायत है तो दूसरों को दे मौका
इस मामले में यह भी जानकारी मिल रही है संचालनालय को वर्तमान ठेका कंपनी के कार्य में कई तरह की शिकायत मिली है। इसीलिए बकाया राशि के भुगतान में लेटलतीफी की जा रही है। चलिए एक बार के लिए हम यह बात समझ भी ले लेकिन यहां मसला मेडिकल इमरजेंसी सेवा से जुड़ा हुआ है। यदि संचालनालय को वर्तमान ठेका कंपनी का कार्य पसंद नहीं आ रहा है तो किसी दूसरे कंपनी को कार्य दे। ताकि निशुल्क डायलिसिस सेवा में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न ना हो।
उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है: सिविल सर्जन
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. केके जैन ने बताया कि कंपनी द्वारा जारी नोटिस की सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई है। स्थानीय स्तर पर भी समस्या का समाधान करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि मरीजों को निशुल्क डायलिसिस सेवा का लाभ निरंतर मिलते रहे।
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कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर- एक्स रिपोर्टर न्यूज वेबसाइट एवं सेंट्रल रिपोर्टर समाचार पत्र, मीडिया प्रभारी- जिला पत्रकार महासंघ, राजनांदगांव, विशेष सदस्य- प्रेस क्लब राजनांदगांव।
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