एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव/डोंगरगढ़
विरोध प्रदर्शन करने और लिखित शिकायत देने के बाद भी प्रशासन ने प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री और उसना राइस मिल मामले की जांच नहीं कराई है। दूसरी ओर शिकायतकर्ता गोपाल यादव ने दस्तावेजी साक्ष्य के साथ राजस्व निरीक्षक (आरआई) पर झूठा रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है।
श्री यादव का कहना है कि राजस्व निरीक्षक ने रिपोर्ट में मौके पर नदी से जलभराव नहीं होने की जानकारी दी है। जबकि फैक्ट्री का निर्माण नदी के समीप ही किया जा रहा है। संबंधित ग्राम पंचायत से भी मिलीभगत कर फैक्ट्री संचालक को एनओसी दे दिया गया है। भविष्य में फैक्ट्री से निकलने वाला अपशिष्ट नदी को प्रदूषित करेगा जिससे आसपास गांव में रहने वाले ग्रामीणों को निस्तारी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा पास में ही मौजूद उसना राइस मिल से भी निकलने वाली गंदगी जीवनदायिनी नदी को प्रदूषित कर रही है। मामला गंभीर है इसके बावजूद प्रशासन जांच और कार्रवाई पर ध्यान नहीं दे रहा है।
सत्ता पक्ष के नेताओं ने दे रखा है संरक्षण?
शिकायतकर्ता की माने तो फैक्ट्री संचालकों को सत्ता पक्ष के नेताओं ने संरक्षण दे रखा है इसलिए शासन-प्रशासन कार्रवाई करने से परहेज कर रही है। अधिकारी भी खुलकर जवाब नहीं दे रहे हैं। इस मामले को लेकर जब एसडीएम गिरीश रामटेके से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि तहसीलदार को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रिपोर्ट अभी तक अप्राप्त है।
10 गांव के ग्रामीणों ने जताई है आपत्ति
गौरतलब है कि बीते 26 जून को 10 गांव के ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए डोंगरगढ़ एसडीएम कार्यालय का घेराव किया था। यहां ग्रामीणों ने लिखित शिकायत कर मामले में कार्रवाई करने की मांग की थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि शासन प्रशासन इस मामले में न्याय संगत कार्रवाई नहीं करती तो वह हाईकोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाएंगे।
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