एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव/दुर्ग
शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर एक बार फिर बड़ा खेल कर दिया गया है। इस बार यह खेल दुर्ग संभाग के अंतर्गत खेला गया है। जिसमें दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा, बेमेतरा, बालोद जिलों के अलावा नवगठित मानपुर-मोहला-चौकी और खैरागढ़-गंडई-छुईखदान जिला के शिक्षक प्रभावित हुए हैं। 8 दिनों के भीतर अपने ही आदेश को पलट कर शिक्षा विभाग के अफसरों ने लेनदेन की आशंका उपजा दी है। विभागीय अफसरों के इस तरह के कार्य प्रणाली से शिक्षकों में भारी रोष देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि मामला उजागर होने के बाद शासन क्या कार्रवाई करती है।
जानकारी अनुसार संयुक्त संचालक, शिक्षा, संभाग दुर्ग द्वारा बीते 30 मई 2023 को आदेश जारी कर कहा गया कि दिनांक 12-5-2023 द्वारा सहायक शिक्षक (एलबी) ई/टी संवर्ग से उच्च वर्ग शिक्षक (ई/टी संवर्ग) अंग्रेजी/गणित/ जीव विज्ञान/ समाजिक विज्ञान के पद पदोन्नति उपरांत पदस्थापना आदेश जारी किया गया है, जिसमें कार्यभार ग्रहण करने की अंतिम तिथि 31 मई 2023 तक निर्धारित है। पदोन्नत सहायक शिक्षक एलबी द्वारा पदस्थापना में संशोधन एवं कार्यभार ग्रहण समय में वृद्धि हेतु प्रस्तुत किए गए आवेदन पत्र को अमान्य किया जाता है। संबंधित पदोन्नत सहायक शिक्षक एलबी पदस्थापना आदेश में निश्चित तिथि तक कार्यभार ग्रहण कर लेवे अन्यथा पदोन्नति से वंचित के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। यह आदेश संभाग के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दिया गया।
09 जून को जारी किया गोपनीय आदेश, सार्वजनिक करने के बजाए दे रहे व्यक्तिगत जानकारी
9 जून 2022 को संयुक्त संचालक शिक्षा, दुर्ग संभाग ने अपने द्वारा 30 मई 2023 को दिए गए आदेश का उल्लंघन करते हुए गोपनीय तरीके से दूसरा आदेश पास किया, जिसमें कार्यभार ग्रहण करने की तिथि 31 मई 2023 से बढ़ाते हुए 16 जून 2023 कर दिया गया। और इस आदेश को सार्वजनिक करने के बजाए व्यक्तिगत रूप से शिक्षकों को दी जाने लगी। विभागीय अफसरों के कार्यप्रणाली से शिक्षकों में भारी रोष देखा जा रहा है।
कार्यभार ग्रहण करने की तारीख बढ़ाकर दे दी मनचाही पोस्टिंग
एक के बाद दूसरा आदेश जारी करने और कार्यभार ग्रहण करने की तारीख बढ़ाने के पीछे शिक्षकों को मनचाही पोस्टिंग देना था। दरअसल संभाग के जिलों में कार्यरत शिक्षकों को एक से दूसरे जिले में स्थानांतरित किया गया था, ऐसे में लंबे समय से एक ही स्कूल में टिके शिक्षकों को काफी दूर जाना पड़ता। इससे पहले कि स्थानांतरण हो शिक्षकों ने जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया और अफसरों से सांठगांठ कर कार्यभार ग्रहण करने की तारीख बढ़वा दी। इस बीच मन मुताबिक यानी पास के स्कूल और उसी जिले में तबादला करवा लिया। जानकारी के मुताबिक लगभग 200 शिक्षक ऐसे हैं जिनका दूसरे आदेश में तबादला स्थान बदल दिया गया है। इससे साफ है कि लेन देन कर स्थानांतरण को बदला गया है।
जानकारी होते हुए भी खामोश है शिक्षक संघ
छोटी मांगों को लेकर हमेशा उग्र आंदोलन की चेतावनी देने वाले और धरना प्रदर्शन करने वाले शिक्षक संघ इस मामले को लेकर अपनी चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि शिक्षक संघ के पदाधिकारियों को मामले की पूरी जानकारी है। फिर भी वह अपने चाहेतो को बचाने के लिए मुंह पर ताला लगाकर बैठे हुए हैं। शिक्षक संघ के इस रवैया को लेकर संगठन के सदस्य शिक्षकों में आक्रोश देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि मीडिया में मामला उजागर होने के बाद शासन इस मसले पर क्या कार्रवाई करता है?
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कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर- एक्स रिपोर्टर न्यूज़ वेबसाइट, मीडिया प्रभारी- जिला पत्रकार महासंघ राजनांदगांव एवं विशेष सदस्य- प्रेस क्लब राजनांदगांव।
मो. 9752886730
