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*धान की सीधी बुवाई और जल प्रबंधन क्रमिक पानी भरना और सुखाना तकनीक जल संरक्षण में कार्यगर साबित होगा :डॉ एच. एल. सोनबोईर*

कवर्धा / ग्राम डोमसरा में कवीर किसानो का धान की सीधी बुवाई एवं जल प्रबंधन की क्रमिक पानी भरना और सुखाना विधि की एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन पर प्रशिक्षक के तौर पर इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वरिष्ट वैज्ञानिक डॉ. एच. एल. सोनबोईर ने बताया कि धान की सीधी बुवाई में लागत में कमी आती है और कम समय में अच्छी फसल तैयार हो जाती है सीधी बुवाई से धान की फसल जल्दी पक जाती है | जिससे अगली फसल के लिए खेतो की तैयारी में समय मिल जाता है | सीड ड्रील से बुवाई करने से सीड सही गहराई में लगता है साथ ही साथ खेतो में नमी बनी रहती है |
उन्होंने जल प्रबंधन की क्रमिक पानी भरना और सुखाना विधि के बारे में भी जानकारी दी | उन्होंने बताया कि इस विधि को अपनाकर किसान 25-30 प्रतिशत पानी की बचत कर सकते है और इस पानी का उपयोग हम अन्य फसल की सिचाई में कर सकते है | इस विधि को समतल खेत में एवं जहा सिचाई की सुविधा हो वहा उपयोग में लाया जा सकता है |
इन तकनीकों का उपयोग कर किसान भाई पानी संरक्षण के साथ इस प्रकृति का भी संरक्षण कर सकते है |
उन्होंने किसान भाइयो को कहा कि आप लोग एक डायरी बनाए और उसमे लिखे की कौन सी किस्म की बीज,दवाई और खाद अच्छी है और कौन से बीज, दवाई और खाद कारगर नहीं है उसको नोट करना है इसके साथ कब खेतो में पानी एवं खाद डालना है इन सभी को नोट करते जाना है जो आने वाले बच्चों के काम आएगा इसके साथ-साथ अपने समय का प्रबंधन भी करें |
इस अवसर पर कवीर किसान भाइयों की तरफ से जितेन्द्र कश्यप ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में कहाँ कि बहुत अच्छी जानकारी आज के प्रशिक्षण में मिली है जिसका हम पालन कर के देख सकते है कितना फायदा होगा |
कार्यक्रम में कवीर किसान कवर्धा ब्लाक के नाऊडीह, दौजरी, जरती, दशरंगपुर, खैरीपार एवं पंडरिया ब्लाक के महली, पौनी, बांधा, बनियाकुबा और डोमसरा छत्तीसगढ़ एग्रिकान समिति से मनीषा मोटवानी. दीपक बागरी, भूमिका सूर्यवंशी, नितेश चंदेल, सुरेन्द्र सोनकर, कविता लांझी और आस्था केसरवानी शामिल रही |

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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