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राजनांदगांव। नगर निगम की पहली प्राथमिकता आम जनता को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना है। लेकिन अधिकारियों की कामचोरी और लापरवाही की वजह से आज आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर पानी की समस्या तो दूसरी ओर बिजली की कटौती शुरू कर दी गई है।
शहर सहित श्रमिक वार्ड में पानी की समस्या बारो महीना बनी हुई रहती है, इसके बाद भी निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान न देकर अपनी गलती छिपाने लोगो को मूलभूत सुविधा से वंचित करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। ऊपर से अब बिजली कटौती शुरू कर दी गई है। जिससे घर में बीमार व्यक्तियों को भरी गर्मी में और ज्यादा परेशानियों का सामना पड़ रहा है।
*एक अधिकारी की गलती, भुगत रहा शहर*
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम जल विभाग के तत्कालित एक अधिकारी की लापरवाही की वजह से शहर को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा। उक्त अधिकारी द्वारा अपने वार्ड में पर्याप्त पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शहर के कई वार्डो की पाइप लाइन से छेड़छाड़ कर इंटरलॉकिंग के नाम पर पानी पहुंचाने का काम किया गया है, जिसके कारण आज लोगो को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
*आम जनता को ही झेलना है परेशानियों को*
लगभग 230 करोड़ की अमृत मिशन योजना में जमकर बंदरबांट करने वाले अधिकारी, ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों को आम जनता की सुविधाओं से कोई लेना देना नही है। उन्हें तो सिर्फ कमीशन से मतलब है, आज शहर की स्थिति यह हो गई है कि न तो लोगो को पर्याप्त पानी मिल रहा है और न ही अन्य मूलभूत सुविधाएं। 230 करोड़ की इस योजना में भी पानी फिरता नजर आ रहा है। ठेकेदार ने अपना काम समेटना शुरू कर दिया है। नलों में पानी आने की कोई गुंजाईश ही नजर नही आ रही है। इसका कारण यह है कि निगम के पास पानी टँकी भरने मोटर ही नही है। जहां से पानी की सप्लाई होनी है, वहां स्टोरेज के लिए एनीकट की कमी है। जल संसाधन विभाग पानी देने तैयार नही है, तो कैसे मिलेगा शहर को पर्याप्त पानी, यह एक बड़ा विषय है। दोनों ही दल के लोग सिर्फ अपनी रोटी सेकने में लगे हुए हैं। इन सब के बीच मरना सिर्फ जनता को ही है।
*मामला जा सकता है कोर्ट*
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम लोगो को मूलभूत सुविधा उपलब्ध नही करा पा रहा और अपनी गलती छिपाने लोगो को मूलभूत सुविधा में बाधा उत्पन्न कर रहा है, जिसे लेकर लोगो मे आक्रोश दिख रहा है, जिसके चलते कुछ लोग बिजली, पानी के समस्या को लेकर कोर्ट जाने की तैयारी में भी लगे हुए हैं। अब देखना यह है कि क्या यह मामला कोर्ट जाता है या भी दब कर रह जाता है।
*भाजपा का आंदोलन और सामने आ गई बिजली बंद की समस्या*
भारतीय जनता पार्टी एवं पार्षदों द्वारा गत दिनों शहर में पानी और सड़क की समस्या को लेकर शहर के अनेक वार्डो में प्रदर्शन कर महापौर का पुतला दहन किया गया। जिससे आम जनता को पानी और सड़क की सुविधा मिल सके। लेकिन ऐसा नही हुआ और भाजपाई एक और समस्या पैदा कर गए, बिजली बंद की। क्या यह समस्या का समाधान है। यदि यही समस्या का सामाधान है तो ऐसे आन्दोलन और प्रदर्शन से जनता को क्या फायदा हुआ? यह भाजपा के लिए सोचनीय विषय है।
*क्या सिर्फ इन्ही वार्डो में है समस्या*
नगर निगम द्वारा एक जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि शहर के वार्ड नं. 37, 38, 39, 40, 42, 43, 44, 45,47, 48 ,49, 50 व वार्ड नम्बर 51में पानी की समस्या है। जिसे लेकर सुबह 6.30 से 7 बजे तक बिजली बंद की जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ यही वह वार्ड है जहाँ पानी की समस्या है, नहीं। इन वार्डो से लगे और भी वार्ड है जहां पानी की समस्या है, पर उन वार्डो में वीआइपी लोग रहते हैं, इसकी वजह से वहां न तो बिजली गोल की जा सकती है और न ही पानी की सप्लाई रोकी जा सकती है। सवाल यह भी उठता है कि जिन वार्डो में बिजली की समस्या है उन वार्डो में क्या नही टेंकरो से पानी की सप्लाई की जा रही है। यदि नही तो फिर टेंकरो से पानी कहा जा रहा है?

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