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एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

एक बार फिर नेता जी ने विभाजित जिले (राजनांदगांव, मोहला और खैरागढ़) में गन्ना खेती प्रोत्साहन की कवायद तेज कर दी है। इसे लेकर जगह-जगह चौपाल लगाने की बात कही जा रही है। कृषि वैज्ञानिको के मतानुसार धान के विकल्प में अत्यधिक पानी चूसने वाला गन्ना फसल किसी भी स्थिति में उपयुक्त नहीं है। सीधे कहे तो जिले में गन्ना का भविष्य अंधकार में है। इससे बेहतर कम सिंचाई और अधिक मुनाफा देने वाला रागी किसानों को खुशहाल बना सकता है, कृषि विभाग के अफसर भी रागी फसल प्रोत्साहन से सहमत है।

City reporter@राजनांदगांव: वाह! नेता जी…गिरते भूजल स्तर की चिंता छोड़ अब धान के बदले किसानों से लगवाएंगे पानी चूसने वाला ‘गन्ना’, शक्कर कारखाने के संकट के बीच बाजार उपलब्ध कराना भी बड़ी चुनौती, इससे कैसे निपटेगा ‘पंजा’…?

मौजूदा समय में जिले के लगभग 700 हेक्टेयर में रागी फसल लिया जाता है। आगामी समय में कृषि विभाग रागी फसल के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना बना रहा है। बीते दिसंबर 2022 में छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के चलते राज्य में रागी (मिलेट्स) की खेती को लेकर किसानों का रूझान बहुत तेजी से बढ़ा है।

Agriculture reporter@राजनांदगांव: वाह! नेता जी पार्ट-2; कबीरधाम में ‘न्याय’ योजना की निकली हवा…बोनस बांटने के नए फार्मूले से कारखाने में ‘गन्ना’ बेचने वाले किसान घाटे में, आंदोलन की भी चेतावनी…

पहले औने-पौने दाम में बिकने वाला मिलेट्स अब छत्तीसगढ़ राज्य में अच्छे दामों में बिकने लगा है। विशेष पहल के चलते राज्य में मिलेट्स की समर्थन मूल्य पर खरीदी होने से किसानों को करोड़ों रूपए की आय होने लगी है।

Agriculture reporter@राजनांदगांव: वाह! नेता जी पार्ट-3; कबीरधाम में 300 से अधिक गुड़ फैक्ट्री अवैध, न पंजीयन, न लाइसेंस और न ही पर्यावरण की NOC…यहां भी कुछ ऐसा ही करने का इरादा तो नहीं…?

बीते सीजन में किसानों ने समर्थन मूल्य पर 34298 क्विंटल मिलेट्स 10 करोड़ 45 लाख रूपए में बेचा था। छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है। रागी की खरीदी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है।

Investigative reporter@राजनांदगांव: वाह! नेता जी पार्ट-4; जिले में सिमट रहा भूजल! हर साल लगभग 50 सेंटीमीटर नीचे खिसक रहा GROUND WATER, सेमी क्रिटिकल जोन में ये इलाके, अभी तक धान कर रहा है सोर्स बर्बाद, ‘गन्ना’ लिया तो पड़ सकता है अकाल…

उच्च गर्मी सहन करने वाली फसल

कृषि विभाग के उपसंचालक एनएल पांडे के मुताबिक रागी की फसल को सिंचाई की ज्यादा जरुरत नहीं पड़ती है, यह उच्च गर्मी सहन करने वाली फसल होती है। सिंचाई स्रोत और गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए रागी फसल लेना ही उपयुक्त है, इसे लेकर विभाग किसानों को प्रोत्साहित भी कर रहा है।

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