एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव
एक बार फिर नेता जी ने विभाजित जिले (राजनांदगांव, मोहला और खैरागढ़) में गन्ना खेती प्रोत्साहन की कवायद तेज कर दी है। इसे लेकर जगह-जगह चौपाल लगाने की बात कही जा रही है। कृषि वैज्ञानिको के मतानुसार धान के विकल्प में अत्यधिक पानी चूसने वाला गन्ना फसल किसी भी स्थिति में उपयुक्त नहीं है। सीधे कहे तो जिले में गन्ना का भविष्य अंधकार में है। इससे बेहतर कम सिंचाई और अधिक मुनाफा देने वाला रागी किसानों को खुशहाल बना सकता है, कृषि विभाग के अफसर भी रागी फसल प्रोत्साहन से सहमत है।
मौजूदा समय में जिले के लगभग 700 हेक्टेयर में रागी फसल लिया जाता है। आगामी समय में कृषि विभाग रागी फसल के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना बना रहा है। बीते दिसंबर 2022 में छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के चलते राज्य में रागी (मिलेट्स) की खेती को लेकर किसानों का रूझान बहुत तेजी से बढ़ा है।
पहले औने-पौने दाम में बिकने वाला मिलेट्स अब छत्तीसगढ़ राज्य में अच्छे दामों में बिकने लगा है। विशेष पहल के चलते राज्य में मिलेट्स की समर्थन मूल्य पर खरीदी होने से किसानों को करोड़ों रूपए की आय होने लगी है।
बीते सीजन में किसानों ने समर्थन मूल्य पर 34298 क्विंटल मिलेट्स 10 करोड़ 45 लाख रूपए में बेचा था। छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है। रागी की खरीदी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है।
उच्च गर्मी सहन करने वाली फसल
कृषि विभाग के उपसंचालक एनएल पांडे के मुताबिक रागी की फसल को सिंचाई की ज्यादा जरुरत नहीं पड़ती है, यह उच्च गर्मी सहन करने वाली फसल होती है। सिंचाई स्रोत और गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए रागी फसल लेना ही उपयुक्त है, इसे लेकर विभाग किसानों को प्रोत्साहित भी कर रहा है।
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