एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव
लालबाग स्थित वाइडनर स्कूल जिस भूमि में संचालित हो रही है, वह राजगामी संपदा न्यास की संपत्ति है, जिससे तत्कालीन कलेक्टर ने वर्ष 1975 में 150000 वर्ग फीट भूमि धर्मप्रदेशिय समाज रायपुर को स्कूल संचालित करने 30 वर्ष के लिए लीज पर दी थी, जिसका लीज वर्ष 2005 में समाप्त हो चुका है और तब से लीज नवनीकरण भी नहीं हुआ है। वर्ष 2011 से शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत इस स्कूल में गरीब बच्चों का पढ़ाया जा रहा जिसके लिए शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षण शुल्क स्कूल को दिया जा रहा है।
शिक्षा का अधिकार कानून की धारा 12 की उपधारा 2 में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि ऐसे स्कूल जिसने स्कूल संचालित करने के लिए सरकारी भूमि ली है या जो प्रायवेट स्कूल शासकीय भूमि पर संचालित है, उसे आरटीई के बच्चों को अपने स्कूल में फ्री पढ़ाना होगा, उन्हें प्रतिपूर्ति राशि प्राप्त नहीं होगी, यानि ऐसे स्कूल आरटीई फीस की मांग करने के हकदार नहीं होंगे, इसके बावजूद वाइडनर स्कूल ने वर्ष 2011 से लेकर 2020 तक आरटीई फीस की मांग भी किया और जिला शिक्षा अधिकारी ने इनके मांग पत्र में उल्लेखित राशि को स्वीकृति और सत्यापित भी किया और राशि स्कूल के एकाउंट में हस्तांतरित भी किया और डीपीआई से कराया गया।
छत्तीसगढ़¸ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि आरटीई कानून की धारा 12 (2) में उल्लेखित प्रावधान के अनुसार वाइडनर स्कूल प्रतिपूर्ति पाने के हकदार नहीं था, क्योंकि यह स्कूल जिस भूमि में संचालित है, राजगामी संपदा न्यास की भूमि में यानी शासकीय भूमि है, इसके बावजूद शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस स्कूल को आरटीई फीस स्कूल के एकाउंट में हस्तांतरित करते रहे, जो आरटीई कानून का उल्लघंन है और यह गंभीर वित्तीय अनियमितता है, अब इस राशि को उनसे वापस वसूला जाना चाहिए, जिसके लिए समस्त जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की गई है।
