राजनांदगांव। सरकारी स्कूलों में कक्षा 6वीं से 12 में पढ़ने वाली छात्राओं को केन्द्र सरकार की प्रमुख योजना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा यानी सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण योजना जो समग्र शिक्षा के तहत आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाना था। इसके लिए तीन महीने के लिए प्रत्येक स्कूल को प्रतिमाह 5000 रुपये प्रदान किये गए थे। छात्राओं को आत्मरक्षा और आत्म विकास का प्रशिक्षण दिया जाना था। लड़कियों और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की गई थी, लेकिन राजनांदगांव समग्र शिक्षा विभाग की एक महिला अधिकारी पूर्व डीएमसी श्रीमति रश्मि सिंह द्वारा इस योजना के लिए बिना निविदा निकाले जूड़ो संघ के कहने पर संघ के लोगों को नियम विपरीत ठेका दे दिया गया और खानापूर्ति कर पूरे प्रशिक्षण को एक माह में ही रफा-दफा कर दिया गया, जबकि कुछ स्कूलों में तो 11 दिनों मे ही इस प्रशिक्षण को पूरा कर पेमेंट वसूल लिया गया। जिस संस्था को नियम विपरीत ठेका दिया गया, वह संस्था स्कूलों में बिल जमा कर रही है, लेकिन स्कूलों के द्वारा पेमेंट किसी व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है, जो भारी वित्तीय अनिमितता है। केन्द्र सरकार की इस योजना में व्यपाक स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, दस्तावेजी साक्ष्य के साथ अनेको लिखित हो चुकी है, लेकिन आज पर्यन्त दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कराया गया, बल्कि मंगलवार को शिक्षा मंत्री ने सदन में यह जानकारी दे दिया कि इस योजना की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि पैरेंट्स एसोसियेशन ने कलेक्टर, सीईओ, डीईओ एंव समग्र शिक्षा विभाग के प्रबंधक को लिखित शिकायत भेज कर कार्यवाही की मांग की गई है। पैरेंट्स एसोसियेशन ने बुधवार को सासंद संतोष पाण्डे से मुलाकात कर इस योजना में हुए फर्जीवाडें¸ की जांच कराने की मांग की गई है, क्योंकि एसोसियेशन दोषियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे है।
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