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राजनांदगांव। जिला मिशन संचालक/कलेक्टर, जिला परियोजना संचालक/सीईओ, जिला परियोजना समन्वयक/डीईओ, और जिला मिशन समन्वयक के आंखों में धूल झोंक कर कराते प्रशिक्षण में कैसे फर्जीवाड़ा किया जा रहा है यह समझ से परे है। जिले के चार जिम्मेदार अधिकारीयों को क्या इसकी भनक तक नही है कि जिले में कराते सिखाने के नाम में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है। केन्द्र सरकार से प्राप्त आंबटन का बंदरबांट किया जा रहा है, बिना टेंडर निकाले ठेका दे दिया गया, बिना ब्लैक बेल्ट धाराको के द्वारा कराते सिखाया जा रहा है, 30 दिन का कोर्स 11 दिन में रफा-दफा कर व्यक्तिगत खातों में जिसने प्रशिक्षण दिया ही नही है, उसके खाते में पेमेंट ट्रांसफर किया जा रहा है और बिल संबंधित संस्था जारी कर रही है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के द्वारा लगातार दस्तावेजी साक्ष्य देकर जिम्मेदार अधिकारीयों से दोषीयों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारीयों की चुप्पी से कई सवाल उठ रहे है। जिले के मीडिल और हायर सेकेण्डरी एक हजार से ज्यादा स्कूलों की छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने के लिए केन्द्र सरकार से प्रतिमाह प्रति स्कूल 5 हजार रूपया दिया जाता है और रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना अंतर्गत फंड आया है, जिसे सुनियोजित ढंग से संगठित रूप से लुट मचा दिया गया है।
जानकार बता रहे है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश जुड़ो संघ के कहने पर पूर्व डीएमसी रश्मि सिंह ने बिना विज्ञप्ति आमंत्रित किए विकासखण्डों के सरकारी स्कूलों में छात्राओं को सेल्फ डिफेंट की प्रशिक्षण देने दिया गया था ठेका, यानि जुड़ों संघ ने इस पूरी योजना को हाईजैक कर लिया है और विभाग सारे नियम कानून और दिशा निर्देश को ताक में रखकर ठेका दे दिया, अब यह सब तो बिना लेन-देन नही हुआ होगा या लेने-देन से इंकार नही किया जा सकता है।

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