राजनांदगांव। प्रस्तावित वेतनमान लाभ, पेट्रोल भत्ता और नियमतिकरण समेत 24 सूत्रीय मांग को लेकर छग प्रदेश स्वास्थ कर्मचारी संघ द्वारा आगामी 15 फरवरी को राजधानी रायपुर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। संघ के बैनर तले प्रदेशभर से सैकड़ों की संख्या में स्वास्थ कर्मचारियों के जुटने का अनुमान है। प्रदेश स्तरीय आव्हान पर सभी जिले से कर्मचारी एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन में शामिल होंगे। संघ के राजनांदगांव जिला अध्यक्ष सत्यम हुमने की अगुवाई में जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों ने भी सामूहिक अवकाश थोक में आवेदन किया है। थोक में कर्मचारियों के अवकाश पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था बेपटरी हो जाएगी, ऐसे में दूर-दराज से इलाज के लिए मरीजों को बेवजह भटकना पड़ेगा। चूंकि यह आंदोलन सभी वर्ग के कर्मचारियों के हित के लिए किया जा रहा है, इसलिए दिक्कत और भी ज्यादा हो सकती है। खासतौर पर जिला अस्पताल में अधिक परेशानी हो सकती है।
जिला अध्यक्ष श्री हुमने ने बताया कि संघ द्वारा नियमित, संविदा और दैनिक वेतन भोगी सभी कर्मचारियों के हित के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। लेकिन शासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन के संबंध में पूर्व में कलेक्टर को ज्ञापन दिया जा चुका है। 15 फरवरी को शत प्रतिशत कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन में शामिल होंगे। प्रदर्शन के बाद सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
300 से अधिक है कर्मचारियों की संख्या
गौरतलब है कि जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल मिलाकर 300 से अधिक स्वास्थ कर्मचारी कार्यरत है। इन्हीं कर्मचारियों के बदौलत मरीजों को इलाज की सुविधा मिल पा रही है। अनुमान है कि इसमें से ज्यादातर कर्मचारी अवकाश लेकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे है। ऐसे में दोनों अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था ठप हो जाएगी। मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
6 से 7 सौ की है रोजाना ओपीडी
बता दें कि जिला अस्पताल में रोजाना 200 मरीज इलाज कराने पहुंचते है, जबकि पेंड्री मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ओपीडी की संख्या लगभग 500 से 600 है। इसमें मौसमी और गंभीर बीमारी के मरीज शामिल रहते है। आईपीडी मरीजों की देखरेख का पूरा जिम्मा स्टॉफ नर्स और कर्मचारियों पर होता है। एक दिन ही सही इन स्टॉफ कर्मचारियों के अवकाश पर जाने से व्यवस्था गड़बड़ा सकती है।
