राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पहली बार तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन 6 से 8 फरवरी तक किया जा रहा है। इस तरह के सेमीनार का आयोजन राजनांदगांव तो क्या प्रदेश में पहले कभी नहीं किया गया है। इसका विषय ‘सामाजिक निहितार्थ में अनुप्रयुक्त विज्ञान की भूमिका’ है। इस सेमीनार में देश-विदेश से वक्ता व शोधार्थी आएंगे, जो अपने रिसर्च का पठन करेंगे। इससे सेमीनार में शामिल विद्यार्थियों को वर्तमान में चल रहे नए शोध के विषयों की जानकारी होगी। इसके अलावा अन्य कई गतिविधियों से विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
इस अंतरराष्ट्रीय सेमीनार के संबंध में शनिवार को कॉलेज में प्रेसवार्ता आयोजित कर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेमीनार में ओयान, उजबेकिस्तान, मस्कट चीन से विषय विशेषज्ञ उपस्थित हो रहे हैं। सेमीनार में छग सहित अन्य राज्यों के प्राध्यापक, शोध निर्देशक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। यह आयोजन छग शासन, जनभागीदारी के विशेष सहयोग से संपन्न हो रहा है।
प्रजेंटेशनके लिए कराया जा रहा पंजीयन
सेमीनार के पहले दिन प्राचार्य के उद्बोधन के बाद वक्ता अपने शोध पेपर को रखेंगे। बताया गया कि इसके लिए ४५० वक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। १५० ने ओरल प्रजेंटेशन के लिए पंजीयन कराया है। यह संख्या और बढ़ेगी। तत्कालीक पंजीयन की भी सुविधा होगी।
शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे वक्ता
सेमीनार के माध्यम से एप्लाइड साइंस की भूमिका पर अन्तराष्ट्रीय स्तर के वक्ता अपना शोध पत्र प्रस्तुत करंगे। प्रमुख वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को एक साथ सुनने का मौका मिलेगा। विभिन्न विश्वविद्यालयों, संस्थानों और उद्योगों से सहयोगी अंत: विषय अनुसंधान सभी को यह अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से एक मंच में लाया जाएगा। इस सेमीनार के माध्यम से शोधार्थियों को प्रोत्साहित कर वैज्ञानिक, शिक्षक और छात्रों एक मंच प्रदान करना है। विज्ञान के विभिन्न उभरते क्षेत्र गणितीय विज्ञान रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान और जीवन विज्ञान के संबंध में विस्तृत चर्चा की जाएगी।
राजा ने 1957 में की थी कॉलेज की शुरुआत
बता दें कि दिग्विजय कॉलेज का प्रारंभ महंत राजा स्व. दिग्विजय दास के द्वारा 1957 में की गई। यह कॉलेज वर्तमान में देश-प्रदेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना एक अलग स्थान रखता है। 73 छात्रों से प्रारंभ होकर इस कॉलेेज में अब 6500 नियमित विद्यार्थी अध्ययनरत हैं तथा प्रतिवर्ष लगभग 12 से 15 हजार स्वाध्यायी परीक्षार्थी यहां से परीक्षा देते हैं। महाविद्यालय में लगभग 19 स्नातकोत्तर की कक्षाएं तथा 25 स्नातक स्तर की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
————-
