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भिलाई। श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में आज हिन्दी की सुप्रसिद्ध लेखिका और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कन्या महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य प्रो. चन्द्रकला त्रिपाठी अपने उपन्यास ‘चन्ना तुम उगिहो’ के एक अंश का पाठ किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सदानंद शाही ने उन्हें गुलदस्ता और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उपन्यास पाठ के दौरान उन्होंने बताया कि यह उपन्यास स्त्री के जीवन संघर्ष की कहानी को प्रस्ततु करता है। रूपा नाम की स्त्री कैसे संघर्षों को पार करते हुए इस पितृसत्तात्मक व्यवस्था से ऊपर उठ जाती हैं? यह एक ऐसी स्त्री है जो मरती नहीं हैं, बल्कि जीवन संघर्षों को पार कर जाती हैं। उपन्यास के संदर्भ में विश्वविद्यालय के कुलपति एवं हिंदी जगत के वरिष्ठ रचनाकार प्रो. सदानंद शाही ने कहा कि पित्रसत्तात्मक व्यवस्था में हर स्त्री बंधी हुई नज़र आती हैं। उसे इस व्यवस्था से केवल उतनी ही छूट मिली है, जितनी पुरुष उसे बर्दास्त कर पाता है। लेकिन जैसे ही स्त्री अपने सपने को संजोने का प्रयास करती हैं, वैसे ही उस पर तरह तरह की मर्यादाएं थोप दी जाती हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, सहायक प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें। इस अवसर पर प्रो. वशिष्ट नारायण त्रिपाठी, वरिष्ठ रचनाकार पुष्पा तिवारी, कथाकार कैलाश एवं डॉ. अल्पना त्रिपाठी की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने किया।

By Amitesh Sonkar

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