आस्था का केंद्र ग्राम झिरना के कुंड को कांक्रीट किया गया,कुंड के कांक्रीट को निकालकर पूर्व की भांति जल का स्त्रोत बनाए रखे-बृजलाल अग्रवाल समाजिक कार्यकर्ता
कवर्धा। कबीरधाम जिले के तहसील पिपरिया मुख्यालय से लगभग 2 किलोमीटर दूरी पर झिरना नामक ग्राम है, यहाँ नर्मदा नदी के पावन जल की धारा प्रस्तुति होने से कुंड का निर्माण किया गया था तब से इस ग्राम का नाम झिरना पड़ा | यहाँ हर वर्ष माघी पूर्णिमा का मेला लगता है, इसके नाम से लगभग 25 एकड़ भूमि है, एवं देख-रेख तहसीलदार प्रशासक है | मेले के अवसर पर हजारों श्रद्धालु प्रातः 4 बजे से कुंड में डुबकी लगाकर भगवान शिव को जल अर्पित करते है | इससे उन लोगों को राहत मिल जाती है जो लोग मंडला और बिछिया जाकर स्नान कर पाते है | इसी कुंड से लगा हुआ एक केवड़ा उद्यान भी था जिसकी महक राह चलते लोगों का मन मोह लेती थी, किन्तु देख-रेख के अभाव में कुंड के उदगम स्थान को लोक निर्माण विभाग द्वारा रिपेरींग के समय लगभग एक फुट कांक्रीट कर दिया गया है जिससे कुंड का स्त्रोत बंद हो गया है किन्तु स्त्रोत को खोलने के बजाय वहाँ बोर का पानी मेले के अवसर पर कुंड में डाल दिया जाता है एवं श्रद्धालुओ की श्रद्धा पर बुरा असर पड़ता है अतः जिला प्रशासन से बृजलाल अग्रवाल सामाजिक कार्यकर्ता ने अनुरोध किया कि लोगों की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए उक्त कुंड के कांक्रीट को निकालकर पूर्व की भांति जल का स्त्रोत बनाए रखे | आगामी 14 जनवरी मकर सक्रांति को भी नर्मदा जल की स्नान करने एवं भगवन शिव जी की पूजा करने आते है | इसके अतिरिक्त केवड़ा उद्यान को भी विकसित करने का कार्य करे |

Bureau Chief kawardha